निर्णय वापस लेकर न्यायदान में सहयोग की अपील की: मप्र हाई कोर्ट
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद फहीम अनवर ने प्रतिवाद सप्ताह का निर्णय वापस लेकर न्यायदान में सहयोग की अपील की है।

जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद फहीम अनवर ने प्रतिवाद सप्ताह का निर्णय वापस लेकर न्यायदान में सहयोग की अपील की है।
अनवर ने कल यहां जारी विज्ञप्ति में कहा है कि प्रतिवाद दिवस से पक्षकारों और न्यायालयीन कार्य प्रभावित होने से करीब 40 हजार घंटों की हानि होने की संभावना है।
उन्होंने सभी अधिवक्तागणों से न्यायालयों से विरत् रहने का निर्णय वापस लेकर अदालतों में उपस्थित होकर न्यायदान में सहयोग करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही पक्षकारों से स्वयं भी उपस्थित होने की बात कही गयी है।
रजिस्ट्रार जनरल की ओर से कहा गया है कि पूर्व में राज्य अधिवक्ता परिषद ने अपनी मांगों के संबंध में पत्र देकर सूचित किया था, लेकिन उक्त सभी मांगे राज्य सरकार से संबंधित थी और जो मांगे उच्च न्यायालय के अधिकार में है उन पर शीघ्र कार्रवाई की जा रहीं है। इतना ही नहीं जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके बाद मांगे बढ़ा दी गयी, जिसमें अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायाधीशों की कमी, फोरमों में अध्यक्षों की नियुक्ति तथा ई-कोर्ट फीस सहित अपराधिक प्रकरण रोस्टर में परिवर्तन की मांग बढ़ा दी गयी।
रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि उच्च न्यायालय में वर्तमान में 32 न्यायधीश कार्यरत् है। जिनके समक्ष प्रतिदिन पांच हजार प्रकरण सुनवाई के लिये नियत होते है। औसतन एक न्यायधीश पांच घंटे कार्य करता है, जिससे 960 घंटो कार्य की हानि होगी। इसके साथ ही राज्य में कार्यरत् न्यायधीशों के न्यायालयों में 40 हजार घंटे के कार्य की हानि होगी। इससे प्रकरणों के निराकरण में बिलंव होगा और पक्षकारों को आर्थिक हानि शारीरिक कष्ट संभावित है।
पत्र में मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद सहित अन्य अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों से अनुरोध किया है वह मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस सहित अन्य न्यायधीशों से किसी भी समय उक्त मुद्दे पर विचार-विमर्श कर सकतें हैं।


