चुनावों के अलावा जातिगत जनगणना कांग्रेस का मुद्दा नहीं : राजीव रंजन
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अमेरिका की जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में देश में आरक्षण को लेकर दिये उनके बयान पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया है

पटना। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अमेरिका की जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में देश में आरक्षण को लेकर दिये उनके बयान पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर पलटवार किया है।
उन्होंने कहा, “अमेरिका में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के बच्चों से बात करते हुए उन्होंने जो भी कहा है उससे एक बात तय है कि चुनावों में भले ही जातीय जनगणना और आरक्षण के लिए कांग्रेस बार-बार कहती है कि यह उनके लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस का जो दामन है वह पाक-साफ नहीं है। 1991 में राजीव गांधी का संसद में दिया गया जो मंडल कमीशन की अनुशंसाओं पर भाषण है उसमें उन्होंने इसको लेकर तीखा एतराज जताया था। इसके बाद 2011 में जब जातीय जनगणना का फैसला हुआ, तब भी आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए। जबकि 2014 तक कांग्रेस पार्टी ही सत्ता में थी। इसकी वजह भी साफ है। कांग्रेस नेतृत्व उस समय पूरी तरह से विभाजित था। वह इस विषय को अमलीजामा पहनाने के लिए तैयार नहीं था।”
इससे आगे उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर कर्नाटक में जातीय सर्वे कराने के बावजूद डाटा सार्वजनिक नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा, “कर्नाटक में भी उन्होंने जातिगत सर्वे कराया लेकिन उसका भी डाटा सार्वजनिक नहीं किया गया। इसके अलावा जब हम लोग इंडिया ब्लॉक में थे, तब मुंबई की बैठक में हमने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाने की बात कही थी, लेकिन उसे भी कांग्रेस ने ठुकरा दिया। जो उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में कहा है, वह इसी श्रृंखला की एक कड़ी है। हम यह मानते हैं कि कांग्रेस आरक्षण के सवाल पर पाखंड कर रही है। उन्हें लोगों को बरगलाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। राहुल गांधी के इस बयान से कांग्रेस पार्टी का सच देश के सामने है।
बता दें कि यूएसए के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में राहुल गांधी ने छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया था। छात्रों ने उनसे पूछा था कि देश में जातिगत आरक्षण कब तक जारी रहेगा? इस पर जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्ष माहौल होगा, अभी देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं।


