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मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने के साथ स्पर्म काउंट भी कम कर सकता है मोटापा

एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि मोटापा मस्तिष्क को प्रभावित करने के साथ-साथ स्पर्म काउंट को भी कम कर सकता है

मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने के साथ स्पर्म काउंट भी कम कर सकता है मोटापा
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नई दिल्ली। एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि मोटापा मस्तिष्क को प्रभावित करने के साथ-साथ स्पर्म काउंट को भी कम कर सकता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-रिवरसाइड के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में मानव मोटापे की नकल करने के लिए चूहों को उच्च वसा वाले आहार खिलाए।

निष्कर्षों में पता चला है कि चूहों के मस्तिष्क में न्यूरॉन्स के बीच कनेक्शन कम थे और उन रिसेप्टर्स की संख्या भी कम थी जो आम तौर पर मस्तिष्क को सचेत करते हैं कि पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध है और खाना बंद कर देना चाहिए।

स्कूल ऑफ मेडिसिन में बायोमेडिकल साइंसेज के प्रोफेसर और जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित अध्ययन की मुख्य लेखिका जुराजिका कॉस ने कहा, ''इससे यह समझा जा सकता है कि हम अपने कैलोरी सेवन की मात्रा में कटौती क्यों नहीं कर पाते हैं।''

कॉस ने कहा कि प्रजनन कार्य हाइपोथैलेमस-पिट्यूटरी-गोनैडल अक्ष द्वारा नियंत्रित होता है, जो मोटापे से बाधित हो जाता है। यह मुख्यतः वृषण या पिट्यूटरी की बजाय मस्तिष्क को प्रभावित करता है।

मोटापे में पिट्यूटरी ग्रंथि से हार्मोन का स्तर कम होने के कारण टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणु उत्पादन में कमी आती है।

शोध में उच्च वसा वाले आहार खाने वाले चूहों में प्रजनन को नियंत्रित करने वाले न्यूरॉन्स में कम सिनैप्टिक कनेक्शन पाए गए, जो इंसानी शरीर के मेकेनिज्म के समान है।

मोटापा दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है और यह हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है।


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