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विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में बनर्जी सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी : सर्वे

पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और पुदुचेरी में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। आगामी चुनाव से पहले इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में एक सत्ता विरोधी लहर (एंटी इंकम्बेंसी) देखने को मिली रही है

विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में बनर्जी सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी : सर्वे
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और पुदुचेरी में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। आगामी चुनाव से पहले इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में एक सत्ता विरोधी लहर (एंटी इंकम्बेंसी) देखने को मिली रही है। यह बात जनवरी 2021 में हुए एबीपी सी-वोटर सर्वेक्षण में सामने आई है। सर्वेक्षण में शामिल करीब 27 प्रतिशत उत्तरदाताओं का पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार से मोहभंग देखने को मिला है। इसके बाद पुदुचेरी में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ 21 प्रतिशत लोग हैं।

वहीं सर्वेक्षण में पाया गया कि 18 प्रतिशत लोग तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) सरकार से खुश नहीं हैं, जबकि असम में 13 प्रतिशत लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार से नाराज हैं।

इस बीच, केंद्र सरकार के खिलाफ केरल में सत्ता-विरोध की स्थिति अधिकतम पाई गई, जहां विधानसभा चुनाव मई 2021 में निर्धारित है।

सर्वेक्षण के अनुसार, केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से लगभग 40 प्रतिशत उत्तरदाता असंतुष्ट लग रहे हैं, जबकि राज्य के 20 प्रतिशत लोग पिनाराई विजयन की सरकार से नाराज हैं।

इस बीच, सर्वेक्षण ने यह भी पाया गया कि पुदुचेरी में मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा वर्तमान मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी और उनके शासन के प्रदर्शन से प्रसन्न नहीं है। लगभग 39 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे नारायणसामी के काम से 'संतुष्ट नहीं हैं', जबकि लगभग 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे राज्य शासन के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं।

तमिलनाडु में 31 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे वर्तमान मुख्यमंत्री पलानीस्वामी से संतुष्ट नहीं हैं, जबकि 32 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे राज्य शासन के कामकाज से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।

इसके अलावा केरल के अधिकांश उत्तरदाताओं में भी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी से नाराजगी देखने को मिली है, क्योंकि सर्वे में शामिल 20 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अगर मौका दिया जाए तो वे तुरंत प्रधानमंत्री को बदलना पसंद करेंगे।

यह सर्वेक्षण पुदुचेरी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में किया गया और वहां के 45,000 से अधिक प्रतिभागियों से प्रतिक्रियाएं ली गईं।


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