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सीरिया की हवाई छावनी पर अमेरिका का मिज़ाइल हमला : विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

सीरिया के एक नागरिक ने कहा कि अमेरिका के प्रक्षेपास्त्रिक हमले में मारे जाने वाले सैनिक सीरियाई राष्ट्र के भाग हैं और यह हमला एक युद्ध-अपराध है और हम किसी प्रकार से उसे स्वीकार नहीं करते।

नई दिल्ली,09 अप्रैल। सीरिया की हवाई छावनी पर अमेरिका के मिज़ाइल हमले के बाद सीरिया के लोगों ने राजधानी दमिश्क में प्रदर्शन करके अमेरिकी हमलों की कड़ी भर्त्सना की है।

सीरिया के लोगों ने दमिश्क की सड़कों पर प्रदर्शन करके इस देश की हवाई छावनी पर अमेरिका के प्रक्षेपास्त्रिक हमले की भर्त्सना की और इस हमले के खिलाफ प्रतिक्रिया की मांग की है।

पारस टुडे की एक खबर के मुताबिक अमेरिका विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने वाले सीरिया के एक नागरिक ने कहा कि अमेरिका के प्रक्षेपास्त्रिक हमले में मारे जाने वाले सैनिक सीरियाई राष्ट्र के भाग हैं और यह हमला एक युद्ध-अपराध है और हम किसी प्रकार से उसे स्वीकार नहीं करते।

सीरियाई लोगों के साथ इस देश की सरकार ने भी अमेरिकी हमले की भर्त्सना के साथ बल देकर कहा है कि सीरिया पर अमेरिकी अतिक्रमण इस बात का कारण बना है कि सीरिया में जहां भी आतंकवादी हैं उनसे मुकाबले की कार्यवाहियों में गति प्रदान कर दी जाये और उनके समर्थकों की गतिविधियों पर भी अधिक संवेदनशीलता के साथ नज़र रखी जाये।

अमेरिका ने गत मंगलवार को सीरिया के एदलिब प्रांत में संदिग्ध रासायनिक हथियारों से किये जाने वाले हमलों की प्रतिक्रिया में शुक्रवार की सुबह हुम्स में इस देश की शइरात हवाई छावनी पर मिसाइलों से हमला किया।

अमेरिका ने भूमध्य सागर में स्थित अपने दो जहाज़ों से 59 क्रूज़ मिजाइल फायर किये जिसमें चार बच्चों सहित 9 लोग मारे गये जबकि कुछ घायल हो गये।

अमेरिका के इस मिलाइली हमले से “अलमन्ज़ूल” “अश्शइरात” और “अलहमरात” गांवों को भी काफी क्षति पहुंची।

पारस टुडे की एक खबर के मुताबिक अमेरिका का मिज़ाइली हमला सीरिया की संप्रभुता का उल्लंघन है और वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों से खुला विरोधाभास रखता है। वास्तव में अमेरिका के हमले और आतंकवादियों की गतिविधियां सीरियाई जनता की हत्या में गति प्रदान करने हेतु एक दूसरे की पूरक हैं।

वास्तव में अमेरिका काफी समय से आतंकवादियों से मुकाबले के बहाने अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ की आड़ में सीरियाई संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है और उसने सीरिया में अपनी सैनिक या तथाकथित आतंकवाद विरोधी गठबंधन की उपस्थिति के लिए सीरिया से किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है और सीरियाई अधिकारियों ने भी अमेरिका से दाइश विरोधी कार्यवाहियों के लिए अनुरोध नहीं किया है।

बहरहाल सीरिया पर अमेरिका का मिज़ाइली हमला सुरक्षा परिषद की अनुमति के बिना हुआ है और उससे मध्यपूर्व विशेषकर सीरिया की स्थिति और जटिल हो गयी है।


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