स्वाईन फ्लू से एक और मौत
स्वाईन फ्लू से शनिवार को एक और मौत हो गई
रायपुर। स्वाईन फ्लू से शनिवार को एक और मौत हो गई। चरचा कालरी के एसईसीएल कर्मी को यहां भर्ती कराया गया था। इससे जिले में मौत का आंकड़ा तीन हो गया है। स्वास्थ्य विभाग स्वाईन फ्लू से निपटने के सारे इंतजाम करने का दावा कर रहा है। लेकिन इस बीमारी से पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है। सर्दी-खांसी के मरीज काफी संख्या में रोज सिम्स व जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी से निपटने कोई तैयारी नहीं की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से इस संबंध में जानकारी लेने का प्रयास किया गया परंतु उनका मोबाइल स्वीच ऑफ बताता रहा।
स्वास्थ्य विभाग स्वाईन फ्लू से निपटने के लिए बचाव कार्य करने का दिखावा कर रहा है। बुधवार को शहर की एक महिला की मौत स्वाईन फ्लू से हुई थी। इससे पहले कोरबा से आए मरीज ने दम तोड़ा था और आज स्वाब जांच रिपोर्ट में मरीज की स्वाईन फ्लू होना बताया गया है। शुक्रवार को एक मरीज की मौत अपोलो में हुई थी। जिसकी रिपोर्ट में उसे स्वाईन फ्लू बताया गया है। स्वाईन फ्लू से अभी तक तीन मौतें हो गई हैं लेकिन वहीं सीएचएमओ डॉ.बी.वी.बोड़े ने इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को काम पर लगाने का दावा किया था। लेकिन उनका दावा खोखला ही साबित हो रहा है।
चरचा कालरी की वीटीसी कालोनी में क्वार्टर नंबर 343 निवासी जमालुद्दीन एसईसीएल के सीएचपी माइंस में मैकेनिक था। वह एक सप्ताह से सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित था उसे 5 अगस्त को कालरी के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां हालत में सुधार नहीं होने पर उसे 7 अगस्त को अपोलो रिफर किया गया। अपोलो में जांच में पता चला कि दोनों फेफड़ों में पानी की मात्रा अधिक होने के कारण सूजन आ गई है। वहीं 17 अगस्त को उसकी मौत हो गई। आज सैंपल जांच के रिपोर्ट में पता चला कि उसे स्वाईन फ्लू था।
स्वाईन फ्लू से लगातार मौत हो रही है लेकिन जिला प्रशासन जनप्रतिनिधि व स्वास्थ्य विभाग बेखबर है। इससे शहर के लोगों में आक्रोश के साथ दहशत भी बना हुआ है। सर्दी-खांसी, वायरल बुखार पर सिम्स जिला अस्पताल में लोग जांच कराने पहुंच रहे हैं सिम्स। जिला अस्पताल में स्वाईन फ्लू के मद्देनजर वार्ड की व्यवस्था व दवाईयां काफी मात्रा में रखी गई है। स्वाईन फ्लू को लेकर एक ओर शहरवासी डरे-सहमे हैं वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को इस जानलेवा बीमारी को लेकर सतर्क करने अथवा इससे बचाव के लिए जागरूक करने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। बिलासपुर में स्वाईन फ्लू से एक महिला की मौत भी हो चुकी है। वहीं अपोलो हास्पिटल में कई संदिग्ध मरीज भर्ती हैं जबकि सरकारी अस्पतालों में लोग जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं।
जिले में स्वाईन फ्लू के दो केस सामने आ चुके हैं। लेकिन स्वास्थ विभाग इसको लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है। अस्पतालों में स्वाईन फ्लू को लेकर की गई व्यवस्था सिर्फ खानापूर्ति है। बुधवार को बिलासपुर की एक महिला की स्वाईन फ्लू से मौत हो गई। इससे पहले भी एक और मामला रायगढ़ से आ चुका है। जिले में स्वाईन फ्लू को लेकर दहशत का माहौल है। वहीं जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी के प्रति गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है।
जबकि स्वाईन फ्लू वायरल बीमारी है जो लोगों के संपर्क में आन से तेजी से फैलती है।
वहीं विभाग की मानें तो अस्पताल में व्यवस्था दुरूस्त है। पर्याप्त रूप से इसकी दवाएं भी उपलब्ध है लेकिन स्वाईन फ्लू से दो मौत हो जाने से और एक दर्जन संदेही मरीज मिलने से लोगों में दहशत का माहौल है। इसके बाद भी लोगों को स्वाईन फ्लू को लेकर जागरूक करने की न तो कोशिश की जा रही है और न ही उससे बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
सर्वे भी बंद
स्वाईन फ्लू से मौत का मामला आने पर स्वास्थ्य विभाग ने एक दिन उसी वार्ड में सर्वे किया जहां पर महिला की मौत हुई उसके बाद स्वास्थ्य विभाग का सर्वे बंद हो गया। शहर में स्लम बस्तियों में स्वास्थ्य विभाग को सर्वे करना चाहिए। साथ ही जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए। लेकिन विभाग ने बीते गुरूवार को सिर्फ 150 घरों में सर्वे कर खानापूर्ति कर दी। जबकि स्वाईन फ्लू की चर्चा पिछले एक सप्ताह हो रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग कितना जिम्मेदार है।
कचरे, गंदगी, दूषित पानी से खतरा बढ़ा
शहर में गंदगी, कचरे का जगह-जगह अंबार है। शहर की कई घनी निचली बस्तियो में नाली का दूषित पानी नलों से सप्लाई होता है। वहीं जगह-जगह निजी अस्पताल व क्लिनिकों के मेडिकल कचरे भी फेकें जाते हैं। और जिला प्रशासन नगर निगम द्वारा इस पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो शहर में महामारी फैलने की संभावना है। स्वाईन फ्लू से लगातार हो रही मौत को लेकर आमजन डरे हुए हैं। लोग अपने छोटे बच्चों को घरों से बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं।


