अविरल गंगा के लिए एक और लड़ाई अपनी सरकार से: शंकराचार्य
खुद को गंगा मां के बेटा कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संवेदनशील मसले में अपना पक्ष साफ करना चाहिये

मथुरा। गोवर्धन पीठाधीश्वर शंकराचार्य अधोक्षजानन्द देव तीर्थ महराज ने स्वच्छ एवं अविरल गंगा के प्रवाह के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले प्रो जी डी अग्रवाल के निधन की घटना की न्ययिक जांच कराने की मांग की है।
गोवर्धन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गोवर्धन पीठाधीश्वर ने कहा कि जिस प्रकार इस संत की मृत्यु पर विभिन्न प्रकार के आरोप लग रहे हैं, उसको देखते हुये उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से घटना की न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जीवनदायिनी गंगा आज अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है। गंगा भक्तों के साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है। उन्हें लड़ना पड़ रहा है तथा गंगा के लिए लड़ते लड़ते उनकी जाने जा रही हैं। एक प्रकार से यह अफरातफरी का माहौल बन गया है।
खुद को गंगा मां के बेटा कहने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस संवेदनशील मसले में अपना पक्ष साफ करना चाहिये। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या गंगा की आजादी के लिए एक और लड़ाई लड़नी पड़ेगी और वह भी अपनी सरकार से।
शंकराचार्य ने कहा कि लगभग साढ़े चार साल पहले गंगा की निर्मलता के बारे में जो उम्मीद जगी थी और सोचा गया था कि गंगा के अब अच्छे दिन आएंगे वे तो नही आए बल्कि गंगा एक्शन प्लान में पहले जो काम चल रहे थे वे भी बन्द हो गए और आज नालों का पानी सीधे गंगा में जा रहा है। हिमालय से गंगासागर तक गंगा तमाम विसंगतियां झेल रही हैं।


