Top
Begin typing your search above and press return to search.

यीडा में 126 करोड़ रुपए भूमि घोटाले में एक और गिरफ्तार

पुलिस ने मामले में डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि. के दूसरे निदेशक सतेंद्र चौहान को गिरफ्तार किया है, सतेंद्र चौहान को शुक्रवार सुबह चिरंजीवी विहार, गाजियाबाद स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया है

यीडा में 126 करोड़ रुपए भूमि घोटाले में एक और गिरफ्तार
X

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के 126 करोड़ के जमीन घोटाले के मामले में पुलिस ने लगातार दूसरे दिन दूसरी गिरफ्तारी की है। पुलिस ने मामले में डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि. के दूसरे निदेशक सतेंद्र चौहान को गिरफ्तार किया है। सतेंद्र चौहान को शुक्रवार सुबह चिरंजीवी विहार, गाजियाबाद स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार को पुलिस ने इसी कंपनी के निदेशक रमेश बंसल को गिरफ्तार किया था। डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी व इसके अधिकारियों का नाम केस दर्ज करने के बाद जांच के दौरान सामने आया था। अभी इस मामले में 30 से अधिक आरोपी फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

सीओ ग्रेटर नोएडा प्रथम निशांक शर्मा ने बताया कि 3 जून को यमुना प्राधिकरण के 126 करोड़ के जमीन घोटाले के मामले में कासना कोतवाली में पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता समेत 21 आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जांच में छह कंपनियों समेत कुछ और लोगों के नाम सामने आए थे। सतेंद्र चौहान और रमेश बंसल की कंपनी इन्हीं में से एक है। दोनों कंपनी में निदेशक हैं। रमेश बंसल की गिरफ्तारी के ठीक अगले दिन शुक्रवार को सतेंद्र चौहान को गिरफ्तार कर मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इसके बाद पुलिस अन्य फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से गिरफ्तारी न होने के बाद आरोपी अपने घर लौटने लगे और पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी शुरू कर दी है।

प्राधिकरण के पूर्व सीईओ को पहले हुई थी गिरफ्तारी
मामले में पुलिस ने पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता को 22 जून को मध्यप्रदेश के दतिया से गिरफ्तार किया था। पीसी गुप्ता को 2 जुलाई को रिमांड पूरी होने के बाद मेरठ जेल भेजा गया था। तब से पीसी गुप्ता मेरठ की जेल में बंद हैं। पीसी गुप्ता के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। पीसी गुप्ता की हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई थी व गृह मंत्रालय ने भी इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी लेकिन अभी जांच सीबीआई ने शुरू नहीं की है। इसके चलते पुलिस ही इस मामले में कार्रवाई कर रही है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it