आकाशवाणी में अनुबंधित उद्घोषक व प्रस्तोताओं ने उठाए सवाल
पिछले कई दशकों से आकाशवाणी में अनुबंध आधार पर काम कर रहे उद्घोषकों और प्रस्तोताओं ने अब आकाशवाणी की अनियमितता और भेदभाव की नीति के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया
नई दिल्ली (देशबन्धु)। पिछले कई दशकों से आकाशवाणी में अनुबंध आधार पर काम कर रहे उद्घोषकों और प्रस्तोताओं ने अब आकाशवाणी की अनियमितता और भेदभाव की नीति के खिलाफ आंदोलन का ऐलान कर दिया है। नियमितीकरण की मांग को लेकर ये कर्मी तीन बार जंतर मंतर पर भूख हड़ताल पर बैठ चुके है लेकिन हर बार नियमितीकरण के आश्वासन से अधिक कुछ नहीं मिला।
इन उदघोषकों ने दावा किया कि तत्कालीन प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इन्हें नियमित करने का आश्वासन दिया था और प्रसार भारती के अधिकारियों को इस बात का मौखिक आदेश भी लेकिन अधिकारियों ने अपने ही मंत्री के आदेश को धता बता दिया।
यह उदघोषक बताते हैं कि आकाशवाणी के अधिकारी संसद को भी गुमराह करने में माहिर हैं देश की कई संसदीय समितियों ने इन अनियमित कर्मियों को नियमित करने की अनुशंसा करने के बावजूद उनकी अनुशंसाओं को कचरे के डिब्बे में डाल दिया है और बेतुकी बातों से संसदीय समितियों को गुमराह करने का प्रयास बार बार किया जा रहा है।
इन उदघोषकों ने बताया कि हमें सूचना मिल रही थी कि केजुअल कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाने शीर्ष अधिकारियों द्वारा पिछले दरवाजे से भर्ती की तैयारियां चल रही थी। इन भर्तियों में योग्यता और अनुभव को भी दरकिनार किया जा रहा है। बेरोज़गारों के पेट पर लात मारकर पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त कर्मियों को आर्थिक लाभ दिए जा रहे हैं। उद्घोषकों ने बताया कि अनुभवी कलाकारों को बाहर निकालकर अनुभवहीन लोगों को लाकर अपने अविवेकपूर्ण निर्णयों और नियमों सेए ये अधिकारी उसकी कब्र खोदकर उस पर मिट्टी डालने में लगे हैं हम इसके विरोध में खड़े हुए हैं।


