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दुर्गा पूजा के दौरान असम में पशुओं, पक्षियों की बलि

 इस साल असम में दुर्गा पूजा के दौरान सैकड़ों पशुओं और पक्षियों की बलि दी गई

दुर्गा पूजा के दौरान असम में पशुओं, पक्षियों की बलि
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गुवाहाटी। इस साल असम में दुर्गा पूजा के दौरान सैकड़ों पशुओं और पक्षियों की बलि दी गई। मंगलवार को समाप्त हो रहे दुर्गा पूजा त्योहार के आखिरी तीन दिनों में असम में प्राचीन कमाख्या मंदिर और रानी क्षेत्र स्थित बुरही गोसानी दुर्गा मंदिर सहित कई मंदिरों में न सिर्फ पशुओं और पक्षियों की बलि दी गई, बल्कि सब्जियों की बलि भी चढ़ाई गई।

शनिवार से शुरू यह प्रक्रिया सोमवार तक जारी रही। वहीं मंगलवार को मां दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन के साथ ही इस त्योहार का समापन हो जाएगा।

बुरही गोसानी दुर्गा मंदिर के कार्यकारी कमेटी के सदस्य प्रदीप मिश्रा ने बताया, "रविवार को श्रद्धालुओं द्वारा 15 भैंसें, करीब 20 बकरियां और अनगिनत कबूतर और बतखों को बलि देने के लिए लाया गया था।"

उन्होंने आगे बताया, "हिंदू मान्यता के अनुसार, देवी दुर्गा की पूजा पशुओं की बलि से जुड़ा रहता है। देवी दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है, जिसके लिए उन्हें पशुओं का खून चढ़ाया जाता है।"

कमाख्या मंदिर प्रबंधन के प्रमुख, बारदोलोई मोहित शर्मा ने कहा, "पशुओं की बलि देना 'नित्य पूजा' का हिस्सा होता है। जब श्रद्धालु जानवरों की बलि देने के लिए आते हैं, तो हम उन्हें नहीं रोक सकते हैं।"

हालांकि पेटा इंडिया के सीईओ मणिलाल विलायते ने असम में दी गई जानवरों की बलि की निंदा की है।

उन्होंने कहा, "एक दौर था जब भारत में जानवरों की बलि दी जाती थी, लेकिन अब जब भारत की नजर चांद मिशन पर है, ऐसे में प्राचीन परंपराओं को अपनाना उचित नहीं है।"


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