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राज्यसभा में काम न होने से नाराज वेंकैया नायडू ने सांसदों का रात्रिभोज रद्द किया

राज्यसभा का कार्य 12 दिनों से बाधित रहने से नाराज सभापति एम. वेंकया नायडू ने बुधवार को पूर्व निर्धारित सांसदों का रात्रिभोज रद्द कर दिया

राज्यसभा में काम न होने से नाराज वेंकैया नायडू ने सांसदों का रात्रिभोज रद्द किया
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नई दिल्ली। राज्यसभा का कार्य 12 दिनों से बाधित रहने से नाराज सभापति एम. वेंकया नायडू ने बुधवार को पूर्व निर्धारित सांसदों का रात्रिभोज रद्द कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, रात्रिभोज की सारी तैयारी पिछले सप्ताह हो चुकी थी। नायडू ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और सदन के अन्य नेताओं को रात्रिभोज में आमंत्रित किया था।

आमंत्रण पत्र भेजने की तैयारी हो चुकी थी और नायडू को उम्मीद थी कि आमंत्रण भेजने से पूर्व राज्यसभा में सामान्य कार्य बहाल होगा। वह 19 मार्च को स्थिति में बदलाव की उम्मीद कर रहे थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

सदन के नेताओं के साथ अपने कक्ष में रोजाना बैठक के दौरान मंगलवार को नायडू ने सदन में जारी गतिरोध पर नाराजगी जाहिर करते हुए नेताओं को बताया कि उन्होंने बुधवार को रात्रिभोज का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि नायडू का मानना है कि सदन के दो सप्ताह तक नहीं चलने के बीच रात्रिभोज का कार्यक्रम ठीक नहीं होगा।

आंध्र प्रदेश से आए विशेष रसोइयों को ट्रेन की बुकिंग रद्द करने को कहा गया है। सभापति ने कांस्टीट्यूशन क्लब में पिछले सप्ताह सांसदों का बैडमिंटन टूर्नामेंट भी रद्द कर दिया था।

रोजाना होने वाली बैठकों में उपस्थिति कई दिनों से कम रहने के बाद मंगलवार को विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, उपनेता आनंद शर्मा समेत 12 नेता बैठक में पहुंचे थे।

इसमें आजाद ने कहा कि विपक्षी दल बैंकिंग अनियमितताओं, आंध्र प्रदेश को विदेश दर्जा दिलाने और कावेरी जल विवाद जैसे मसलों पर बहस के लिए सदन की सुचारु कार्यवाही चाहते हैं। इस पर संसदीय कार्यमंत्री विजयगोयल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया जाहिर की और भ्रष्टाचार निवारक संशोधन विधेयक पारित करवाने में विपक्ष का सहयोग मांगा।

नायडू ने आजाद का यह प्रस्ताव मान लिया कि उन्हें कुछ ज्वलंत मुद्दों पर बोलने दिया जाए। इसके बाद सरकार अपना पक्ष रखे और हालात सामान्य हों।

लेकिन, सदन में जब आजाद ने बोलना शुरू किया तो तेदेपा, वाईएसआरसीपी, द्रमुक, अन्नाद्रमुक और कांग्रेस के एक सदस्य सभापति के आसन के सामने पहुंचकर नारे लगाने लगे। नायडू ने हंगामा रोकने की अपील की और इसके नहीं रुकने पर सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।


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