Top
Begin typing your search above and press return to search.

लोकसभा में आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय बढ़ाने का मामला उठा

लोकसभा में आज कर्नाटक सहित पूरे देश में आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय बढ़ाने और उनके रिक्त पदों को तत्काल भरने का मामला उठाया गया

लोकसभा में आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय बढ़ाने का मामला उठा
X

नयी दिल्ली। लोकसभा में आज कर्नाटक सहित पूरे देश में आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय बढ़ाने और उनके रिक्त पदों को तत्काल भरने का मामला उठाया गया।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्यकाल के दौरान कर्नाटक में 68 हजार आंगनबाड़ी कर्मियों की हड़ताल का जिक्र करते हुये कर्नाटक समेत पूरे देश में आंगनबाड़ी कर्मियों को मिल रहे कम मानदेय का मामला उठाते हुये कहा कि देश के 34 लाख आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय काफी समय से नहीं बढ़ाया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मानदेय बढ़ाने की बजाय इसमें केन्द्र की ओर से दी जाने वाली राशि का अनुपात भी घटा दिया गया है। पहले इस राशि का 90 फीसदी केन्द्र वहन करता था अैार शेष दस प्रतिशत राज्य सरकारों की ओर से दिया जाता था, लेकिन अब केन्द्र की ओर से महज 60 प्रतिशत राशि जारी की जाती है और बाकी 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों को देना पड़ता है। इससे राज्यों पर अनावश्यक बोझ बढ़ गया है।

खड़गे ने कहा कि एक ओर तो केन्द्र सरकार श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन बढ़ाने की बात करती है तो दूसरी ओर आंगनबाड़ी कर्मियों को महज तीन हजार रुपये का मानदेय देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। उनकी बदहाली पर उसका कोई ध्यान नहीं जा रहा। उन्हाेंने कहा कि देश में गरीब और वंचित तबके के बच्चों के लिए शिक्षा और कुपोषण के खिलाफ अांगनबाड़ी कर्मी बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। ऐसे में सरकार को तत्काल उन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आंगनबाड़ियों में रिक्त पड़े पदों को भी तुरंत भरे जाने की मांग की।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम ने भी खड़गे का समर्थन करते हुये कहा कि आंगनबाड़ियों में ज्यादातर महिलाएं काम करती हैं। यदि वही आर्थिक तंगी के कारण कुपाेषित रह जाएंगी तो आगे बच्चों की देखभाल कैसे करेंगी।

संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने श्री खड़गे को कर्नाटक के आंगनबाड़ी कर्मियाे के लिए घड़ियाली आंसू नहीं बहाने की नसीहत देते हुये कहा कि वहां जो कुछ हो रहा है उसके लिए कर्नाटक की राज्य सरकार जिम्मेदार है। केन्द्र अपनी ओर से तीन हजार रुपये प्रति कर्मी दे रही है अब राज्य सरकार को अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी चाहिये इसके लिए केन्द्र पर आरोप लगाना सही नहीं है।

उनहोंने कहा कि केन्द्र ने एकीकृत बाल विकास योजना के तहत वित्त वर्ष 2015-16 में कर्नाटक को 362 करोड़ रुपये जारी किये थे। राज्य सरकार ने इसमें से 150 करोड़ रुपये अभी तक खर्च नहीं किये और कई बार पूछे जाने पर भी अभी तक इसका कोई लेखा-जोखा नहीं दिया है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, गोवा और तेलंगाना जैसे राज्यों ने आँगनवाड़ी कर्मियों का मानदेय अपनी ओर से बढ़ाया है तो कर्नाटक सरकार भी ऐसा कर सकती है। कुमार ने कहा कि कर्नाटक में आंगनबाड़ी कर्मियों के 65,911 पदों की मंजूरी दी गई थी जिसमें से 27 सौ अभी तक खाली पड़े हैं। इसके लिए राज्य की कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। इसमें केन्द्र कुछ नहीं कर सकता।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it