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मप्र में मासूम के साथ ड्यूटी कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

 दुनिया के कई देशों के साथ भारत और मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी अपना रौद्ररुप धारण किए हुए

मप्र में मासूम के साथ ड्यूटी कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
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देवास । दुनिया के कई देशों के साथ भारत और मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी अपना रौद्ररुप धारण किए हुए है। इन स्थितियों में भी लोगों में सेवा और समर्पण का जज्बा बना हुआ है। मध्य प्रदेश के देवास जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रीति बैरागी गर्भावस्था और बच्ची को जन्म देने के बाद भी अपने दायित्वों का निर्वाहन करने में लगी हुई हैं।

देवास जिले के निपानिया गांव में तैनात हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रीति। उन्होंने तीन अप्रैल को बच्ची को जन्म दिया और वे आराम करने की बजाय अपने काम पर लौट आईं। प्रीति के समर्पण भाव ने हर किसी के दिन में उनके सेवा भाव का मान बढ़ा दिया है।

प्रीति देवास ग्रामीण परियोजना के सेक्टर शिप्रा में लोगों को कोरोना से बचाने के लिये सावधानियां अपनाने के लिये प्रेरित कर रही हैं। वे सोशल डिस्टेंसिंग, बार बार हाथ धोने के साथ किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या आने पर चिकित्सकीय परामर्श की सलाह भी दे रही हैं।

यही नहीं, वे घर-घर जाकर सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ितों का सर्वे भी कर रही हैं। क्षेत्र के ग्रामीण प्रीति के इस समर्पण भाव से इतने प्रभावित हुए हैं कि उसे अपने परिवार का सदस्य मानने लगे हैं।

प्रीति बैरागी ने तीन अप्रैल को बच्ची को जन्म दिया और उसके बाद से अपनी ड्यूटी कर रही हैं। प्रीति ने गर्भावस्था के दैारान भी सेक्टर पर्यवेक्षक की सलाह के बावजूद छुटटी नहीं ली, अपनी ड्यूटी पर रहकर ग्रामीणों को कोरोना से बचाने में जुटी रहीं।

सेक्टर पर्यवेक्षक कल्पना जोशी बताती हैं कि उन्होंने गर्भवती होने के कारण प्रीति को आराम करने की सलाह देते हुए आंगनबाड़ी सहायिका को कार्य को सौंपने की सलाह दी किन्तु प्रीति बैरागी का उत्तर था कि " मैं गांव के लोगों के लिए ही तो नौकरी करती हूं इसलिये उनके लिए मेरा काम करना जरूरी है।"

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सेवा भाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह एक अप्रैल तक निरन्तर कार्यरत रहीं। सेक्टर पर्यवेक्षक के समझाने पर बैरागी ने सिर्फ दो अप्रैल को काम नहीं किया तथा तीन अप्रैल को शाम से ही उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हुई। सेक्टर पर्यवेक्षक कल्पना जोशी के प्रयास से बैरागी को अस्पताल पहुंचाया गया और तीन अप्रैल के रात को प्रीति बैरागी ने बालिका को जन्म दिया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रीति बैरागी अब अपनी बालिका के साथ स्वस्थ हैं। वे अब भी अपने काम से निरंतर जुडी हुई हैं और कार्य करने हेतु आंगनबाड़ी सहायिका को उचित मार्गदर्शन दे रही हैं।


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