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आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू की

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कथित कौशल विकास निगम घोटाले में न्यायिक हिरासत को रद्द करने की मांग करने वाली पूर्व सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई फिर से शुरू की।

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू की
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अमरावती । आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कथित कौशल विकास निगम घोटाले में न्यायिक हिरासत को रद्द करने की मांग करने वाली पूर्व सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई फिर से शुरू की।

हाइब्रिड मॉडल में सुनवाई दोपहर से पहले शुरू हुई। नायडू की ओर से पेश हुए हरीश साल्वे ने वर्चुअली अपनी दलीलें पेश की। हरीश साल्वे ने अदालत से कहा कि नायडू के खिलाफ मामला आगामी चुनावों को देखते हुए राजनीति से प्रेरित है।

पिछली सुनवाई के दौरान नायडू की ओर से सिद्धार्थ लूथरा पेश हुए थे। उन्होंने नायडू की गिरफ्तारी को अवैध बताया था। जबकि, सीआईडी ने रद्दीकरण याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था। हाईकोर्ट ने समय की अनुमति दी और सुनवाई 19 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी।

अदालत ने विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में सीआईडी की याचिका पर सुनवाई पर भी रोक लगा दी थी, जिसमें नायडू की हिरासत की मांग की गई थी। नायडू वर्तमान में राजमुंदरी सेंट्रल जेल में बंद हैं।

तेलुगू देशम पार्टी सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार उन्हें निशाना बना रही है। उन्होंने अपनी न्यायिक हिरासत को रद्द करने और सीआईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को भी रद्द करने का आदेश देने की मांग की है।

नायडू को इस मामले में सीआईडी ने 9 सितंबर को नंद्याल में गिरफ्तार किया था। अगले दिन विजयवाड़ा की एसीबी कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री को बाद में राजमुंदरी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।

विजयवाड़ा कोर्ट ने न्यायिक हिरासत के बजाय घर की हिरासत की नायडू की याचिका भी खारिज कर दी थी। यह मामला आंध्र प्रदेश राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के समूहों की स्थापना से संबंधित है, जिसका कुल अनुमानित परियोजना मूल्य 3,300 करोड़ रुपये है। उस समय राज्य के मुख्यमंत्री नायडू थे।

सीआईडी ने दावा किया था कि कथित धोखाधड़ी से राज्य सरकार को 371 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। एजेंसी ने दावा किया था कि 371 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि, जो परियोजना के लिए सरकार की पूरी 10 प्रतिशत प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है, निजी संस्थाओं द्वारा किसी भी खर्च से पहले जारी की गई थी।

इसी बीच हाईकोर्ट ने अमरावती इनर रिंग रोड मामले में नायडू की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 21 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीआईडी को अपना काउंटर दाखिल करने का निर्देश दिया था। सीआईडी ने अमरावती इनर रिंग रोड मामले में 11 सितंबर को विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में प्रिज़नर ट्रांजिट (पीटी) वारंट याचिका दायर की थी।


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