Begin typing your search above and press return to search.
अमृत योजना उगल रही भ्रष्टाचार का जहर, पार्षदों ने उठाये गुणवत्ता पर सवाल
पाँच साल में अमृत योजना में 345.80 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। अभी तक न तो इंटर कनेक्शन पूरे हुए, न डीएमए और न ही पानी की लाइन पूरी तरह बिछ पाईं। 20 हजार से अधिक नल कनेक्शन और 10 किमी से अधिक लाइन बिछना बाकी है।

गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: शहर में शुद्ध जल की आपूर्ति के लिए नगर निगम ग्वालियर ने 2017 में अमृत योजना के तहत पानी की लाइन बिछाने का काम शुरू किया था। पांच साल बाद भी शहर को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। न तो सभी जगह पानी पहुंचा है, न ही साफ पानी मिल रहा है। शहर के कई हिस्सों में आए दिन लाइनें फूट रही हैं, जिससे सप्लाई बाधित हो रही है, वहीं लगातार गंदा पानी आ रहा है। अब जनता पार्षदों को चुनकर परिषद में पहुँचा चुकी है। और उम्मीद लगाए बैठी है कि उनके पार्षद कम से कम शुद्ध जल मुहैया करा पाएंगे। जनता के आक्रोश के चलते पार्षद भी परिषद में अमृत योजना के गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगे हैं।
आपको बता दें कि जिस समय अमृत योजना शुरू हुई थी जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों के बड़े बड़े वादे थे। लेकिन योजना पूरी होने के बाद जो हकीकत सामने है वह उनके वादों से कोसों दूर है। परिषद में लगातार गंदे पानी को लेकर पार्षद मुद्दा उठा रहे हैं। कई पार्षदों ने गन्दा पानी सप्लाई, पानी न मिलना, अमृत योजना के तहत कई क्षेत्रों में लाइन न डालना, डीएमए का मिलान न होना जैसी कई समस्याओं से अपर आयुक्त को अवगत कराया है। अपर आयुक्त ने भी ठेकेदार व अधीनस्थों को निर्देश देकर रस्म अदायगी कर ली।
पाँच साल में अमृत योजना में 345.80 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी न तो इंटर कनेक्शन पूरे हुए, न डीएमए और न ही पानी की लाइन पूरी तरह बिछ पाईं। टंकी भी चालू नहीं हो पाई हैं। अभी भी अमृत योजना फेज-1 में शहरभर में 20 हजार से अधिक नल कनेक्शन और 10 किमी से अधिक लाइन बिछना बाकी है। जो पाइपलाइन बिछी है वह भी जगह जगह फुट रही अमृत की पाइपलाइन भ्रस्टाचार का जहर उगल रही है। पाइपलाइन अभी से ही फुट रही है तो यह आगे कितने समय तक ठीक से सप्लाई कर पायेगी, इस प्रश्न का जवाब किसी के पास नहीं है।
Next Story


