मोदी सरकार से दमन और दीव की तरह जम्मू-कश्मीर का विकास चाहते हैं युवा

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी के युवाओं को इस केंद्रशासित प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज होने की आस जगी है।;

Update: 2020-07-23 12:35 GMT

नई दिल्ली | जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी के युवाओं को इस केंद्रशासित प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज होने की आस जगी है। उन्हें उम्मीद है कि जिस तरह से मोदी सरकार केंद्रशासित प्रदेश दादरा नगर हवेली और दमन तथा दीव में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास कर रही है, उसी तरह से घाटी के विकास को भी पंख लगें। दमन और दीव में विकासीय कार्यों को धरातल पर उतारने में एडमिनिस्ट्रेटर प्रफुल्ल पटेल की खास भूमिका बताई जाती है।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और अनंतनाग के कुछ युवा दमन की एक कंपनी के बिजनेस से जुड़े थे। करीब चार करोड़ रुपये फंस जाने पर घाटी के युवा दमन और दीव की कंपनी से संपर्क करने पहुंचे। इस दौरान दमन-दीव के विकास ने उन्हें आकर्षित किया।

दमन और दीव के विकास को बयां करते हुए वायरल हुए वीडियो में कश्मीर के युवक सौहेल नवाज कहते हैं, "दमन और दीव में रोडए इंफ्रास्ट्रक्च र के मोर्चे पर बहुत काम हुआ है। यहां के एडमिनिस्ट्रेटर प्रफुल्ल पटेल और कलेक्टर काफी मेहनती और मददगार हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद से हमारा जम्मू-कश्मीर भी यूनियन टेरिटरी बन चुका है। ऐसा विकास और अमन-चैन, सुरक्षा हम जम्मू-कश्मीर में भी चाहते हैं। मोदी सरकार दमन और दीव में बेहतर काम कर रही है।"

सौहेल ने कहा कि दमन और दीव जाते समय मन में कई तरह के सवाल थे कि वहां के लोग न जाने कैसे होंगे, मगर यहां के प्रशासन ने काफी सहयोग किया।

बता दें कि पहले दादरा नगर हवेली और दमन तथा दीव दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश थे। मगर, इस साल 26 जनवरी पर केंद्र सरकार ने प्रशासनिक सुविधा के मद्देनजर दोनों का विलय कर एक केंद्रशासित प्रदेश बना दिया।

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