बिना केंद्र की मंजूरी के घोषणापत्र के 9 वादे पूरे नहीं कर सकती आप
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने घोषणापत्र जारी किया जिसमें 28 वादे किए गए हैं;
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने घोषणापत्र जारी किया जिसमें 28 वादे किए गए हैं। लेकिन, इस घोषणापत्र में कई ऐसी घोषणाएं हैं, जिनको पूरा करने के लिए केंद्र की मदद की जरूरत होगी। इनमें से एक है दिल्ली का जन लोकपाल बिल। केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना दिल्ली में जन लोकपाल बिल लागू नहीं हो सकता। इसके अलावा दिल्ली स्वराज बिल, सीलिंग से सुरक्षा और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा पूरा करने के लिए भी दिल्ली सरकार को केंद्र की ओर देखना होगा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बाद मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी किया। इसे पेश करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वादों को पूरा करने के लिए हमें दिल्ली की दो करोड़ जनता और केंद्र सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी। घोषणापत्र में सभी तबके की बात की गई है।
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केजरीवाल सरकार ने अपने बीते कार्यकाल के दौरान कई बार मुहिम चलाई, लेकिन केंद्र से केजरीवाल की इस पर बात नहीं हो सकी।
अनधिकृत कॉलोनियों का नियमीकरण और रजिस्ट्री का मसला भी केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच टकराव का रहा है। केंद्र सरकार का दावा है कि उसने अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया है, लेकिन केजरीवाल इसे केंद्र सरकार का झूठ करार दे रहे हैं। केजरीवाल का कहना है कि बिना लैंड यूज बदले रजिस्ट्री गैर-कानूनी है।
भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भी दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार की जरूरत पड़ेगी। भोजपुरी को लेकर यह मांग बिहार और पूर्वांचल से आए दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए है।
आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र में दिल्ली जन लोकपाल बिल, दिल्ली स्वराज बिल, राशन की डोर स्टेप डिलीवरी, 10 लाख बुजुर्गों को तीर्थयात्रा, देशभक्ति पाठ्यक्रम, युवाओं के लिए स्पोकन इंग्लिश को बढ़ावा, मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने की बात, यमुना रिवर साइड विकास, विश्व स्तरीय सड़कें, नए सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति, सफाई कर्मचारी की मृत्यु पर एक करोड़ का मुआवजा, सीलिंग से सुरक्षा, बाजार और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास, सर्किल रेट का युक्तिकरण शामिल है।
इनके अलावा आम आदमी पार्टी ने सत्ता में वापसी पर पुराने वैट मामलों के लिए एमनेस्टी स्कीम लाने की भी घोषणा की है।