'लॉकडाउन में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में गति दे रही योगी सरकार'

कोरोनावायरस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन दूसरा चरण शुरू हो गया है।;

Update: 2020-04-15 16:09 GMT

लखनऊ | कोरोनावायरस को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन दूसरा चरण शुरू हो गया है। इस दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए और श्रमिकों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश सरकार ने जरूरी सावधानियों को ध्यान में रखकर चिकित्सा आपूर्ति और आवश्यक वस्तुओं के निर्माण में लगी 5,700 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को फिर से शुरू करवा दिया है। प्रदेश सरकार उद्योगों के लिए आवश्यक श्रमिक, पास और परिवहन के मुद्दों को हल करते हुए अब तक 5,720 औद्योगिक इकाईकयों को शुरू करवाने में सफ ल रही है। इसके साथ ही पिछले महीने लॉकडाउन की घोषणा के बाद अन्य योजनाओं के शुरुआती कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए भी सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं।

इसके अलावा औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने श्रमिकों के वेतन भुगतान को लेकर 32,613 कंपनियों के प्रबंधन के साथ बातचीत की है। जिसके बाद इन कंपनियों ने अपने 36,3065 श्रमिकों को मार्च 2020 का 44,329़ 62 लाख रुपये मजदूरी और वेतन का भुगतान कर दिया है।

सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, "प्रदेश की पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेन्ट्स,अन्य इक्यूपमेंट तथा मास्क इक्यूपमेन्ट की 72 इकाइयों में से 70 यूनिट क्रियाशील हैं। जिसमें 70 में 33 मास्क, 26 इकाइयां पीपीई किट, 3 इकाईयां ग्लब्स, 2 इकाईयां गागल्स, 1 इकाई एन-95 मास्क, 1 इकाई वेन्टिलेटर निर्माण तथा 4 इकाईयां अन्य मेडिकल उत्पादन के निर्माण से संबंधित हैं। इसके साथ ही प्रदेश में 99 इकाईयां सेनिटाइजर बना रही हैं। प्रदेश में मेडिकल इक्यूपमेन्ट एवं दवाइयों के निर्माण आदि से सम्बंधित 412 इकाईयां उत्पादनरत हैं। शेष इकाईयों के संचालन हेतु आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा मेडिकल इक्यूपमेंट एवं दवाइयों के निर्माण हेतु 61 नए ड्रग लाईसेंस जारी कराए गए हैं।"

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया, "लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाईयों द्वारा मजदूरों को दी गई मजदूरी और वेतन का भुगतान अन्य राज्यों की अपेक्षा की सबसे अधिक है।"

इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में आवश्यक खाद्य पदाथोर्ं की कमी न हो इसको ध्यान में रखकर 907 आटा मिलें, 419 तेल मिल और 237 दाल मिलें चलाई जा रही हैं।

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