पत्नी की ओर से निवेश में अनियमितता की रपट गलत : नागेश्वर राव

केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव ने मंगलवार को उन मीडिया रपटों को 'गलत और असत्य' करार दिया;

Update: 2018-10-30 22:10 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव ने मंगलवार को उन मीडिया रपटों को 'गलत और असत्य' करार दिया, जिसमें उनकी पत्नी द्वारा एक निजी कंपनी में निवेश में अनियमितता बरतने के आरोप लगाए गए हैं। ओडिशा से 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी राव ने एक हस्ताक्षरित बयान में कहा कि उनके और उनकी पत्नी मóोम संध्या की ओर से किए गए लेन-देन और निवेश की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दे दी गई है और वार्षिक संपत्ति रिटर्न में इस सबका जिक्र किया गया है।

राव ने यह बयान उन मीडिया रपटों के बाद दिया है, जिसमें उनकी पत्नी पर मार्च 2011 में एंजेला र्मक टाइल प्राइवेट लिमिटेड(एएमपीएल) से 25 लाख रुपये ऋण लेने का आरोप है। यह जानकारी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के रिकार्ड से मिली है।

राव ने हालांकि इन सभी रपटों को खारिज कर दिया है।

राव ने कहा, "2010 में, मेरी पत्नी ने हमारे दोस्त प्रवीण अग्रवाल से आंध्रप्रदेश के गुंटुर में एक अचल संपत्ति खरीदने के लिए 25 लाख रुपये का ऋण लिया था।"

उन्होंने कहा कि यह संपत्ति उनके गुंटुर में एक रिश्तेदार के. रत्ना ने संयुक्त रूप से खरीदी थी।

उन्होंने कहा कि 2011 में, उनकी पत्नी ने कृषि संपत्ति के रूप में 5.12 एकड़ भूमि 30.72 लाख रुपये में बेची। दो महीने बाद उसने 6.05 एकड़ भूमि को 27.90 लाख रुपये में बेच दी। इस प्रकार 2011 में बेची गई भूमि से कुल 58.62 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई।

राव ने कहा, "इसके साथ और निजी बचत से जमा 1.38 लाख रुपये मिलाकर 2011 में एएमपीएल को 60 लाख रुपये भेजा गया, जिसने ऋण राशि को काटकर 35 लाख रुपये निवेश के रूप में रख लिए।"

उन्होंने कहा, "इसलिए किसी भी बेहिसाबी पैसे का सवाल ही नहीं उठना चाहिए। मैं सभी रपटों को खारिज करता हूं, क्योंकि सभी असत्य और गलत हैं।"

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