खामेनेई ने वाशिंगटन के साथ सीधी बातचीत को किया खारिज, कहा- ईरान झुकेगा नहीं

ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा कि अमेरिका इसलिए ईरान का विरोध करता है क्योंकि वह चाहता है कि ईरान उसकी बात माने। उन्होंने इस मांग को अपमानजनक बताया और कहा कि ईरान कभी झुकेगा नहीं;

Update: 2025-08-25 05:53 GMT

अमेरिका ईरान का इसलिए विरोध करता है क्योंकि वह चाहता है कि ईरान उसकी बात माने-खामेनेई

तेहरान। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने कहा कि अमेरिका इसलिए ईरान का विरोध करता है क्योंकि वह चाहता है कि ईरान उसकी बात माने। उन्होंने इस मांग को अपमानजनक बताया और कहा कि ईरान कभी झुकेगा नहीं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना के हवाले से बताया कि तेहरान में रविवार को दिए भाषण में खामनेई ने साफ कहा कि अमेरिका से सीधी बातचीत की कोई जरूरत नहीं है। उनके अनुसार 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से अमेरिका की शत्रुता लगातार बनी हुई है।

उन्होंने 13 जून को ईरान पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका से जुड़े समूह अगले दिन एक यूरोपीय राजधानी में "इस्लामी गणराज्य के बाद" व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए मिले थे, यहां तक कि राजशाही का सुझाव भी दिया गया। खामेनेई के अनुसार, ईरानी जनता और संस्थाओं की मजबूती ने इन कोशिशों को नाकाम कर दिया।

खामेनेई ने जून में इजरायल और अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों का भी जिक्र किया। उनका कहना था कि इन हमलों का मकसद ईरान को अस्थिर करना था, लेकिन ईरान ने इसका जवाब दिया।

खामेनेई ने घरेलू एकता और राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के लिए समर्थन का आग्रह किया और चेतावनी दी कि ईरान के विरोधी अब घरेलू स्तर पर विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने गाजा में इजरायल की कार्रवाई की निंदा की, पश्चिमी देशों से उसकी मदद रोकने की अपील की और यमन के हूती समूह द्वारा इजरायल के खिलाफ किए गए कदमों को जायज बताया।

ज्ञात हो कि, 1979 की इस्लामी क्रांति और उसके परिणामस्वरूप अमेरिकी दूतावास में हुए बंधक संकट के बाद तेहरान और वाशिंगटन के बीच संबंध टूट गए थे। तब से, वाशिंगटन ने तेहरान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें से सबसे हालिया प्रतिबंध उसके परमाणु कार्यक्रम के कारण लगाए गए हैं।

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