जर्मनी में क्रिसमस बाजार पर वाहन से हमला करने की कथित साजिश नाकाम
जर्मनी के बायर्न में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ये लोग क्रिसमस बाजार पर वाहन से हमला करने की साजिश रच रहे थे;
जर्मनी के बायर्न में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ये लोग क्रिसमस बाजार पर वाहन से हमला करने की साजिश रच रहे थे.
जर्मनी के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि उन्होंने क्रिसमस बाजार में लोगों पर वाहन चढ़ाने की कथित इस्लामी साजिश से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब त्योहारों के मौसम के दौरान सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं.
पिछले साल क्रिसमस के दौरान माग्देबुर्ग शहर में एक बाजार में हुए घातक वाहन हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. उसी घटना के बाद से जर्मनी में क्रिसमस बाजारों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं लगातार बनी हुई हैं.
पुलिस और अभियोजकों ने बताया कि शुक्रवार को दक्षिणी बायर्न राज्य में इस कथित हमले की योजना के सिलसिले में एक मिस्री नागरिक, तीन मोरक्को के और एक सीरियाई नागरिक को हिरासत में लिया गया. जांच एजेंसियों के अनुसार, इस साजिश के पीछे इस्लामिक कट्टरपंथी मकसद होने का संदेह है.
गिरफ्तार किए गए संदिग्ध
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में एक 56 वर्षीय मिस्री नागरिक शामिल है. जर्मन अखबार बिल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, यह व्यक्ति डिंगोलफिंग लांडाउ जिले की एक मस्जिद में इमाम था. अधिकारियों के मुताबिक, इस व्यक्ति ने इलाके के एक क्रिसमस बाजार पर वाहन का इस्तेमाल करके हमला करने की अपील की थी, ताकि "जितने ज्यादा लोगों को संभव हो, मारा या घायल किया जा सके.”
इस कथित योजना में मोरक्को के तीन नागरिकों की भूमिका भी सामने आई है. इन तीनों की उम्र 30, 28 और 22 वर्ष बताई गई है. आरोप है कि उन्होंने इस हमले को अंजाम देने पर सहमति जताई थी. इसके अलावा, 37 वर्षीय एक सीरियाई नागरिक पर आरोप है कि उसने इन तीनों को इस हमले के लिए उकसाया और प्रोत्साहित किया.
न्यायिक प्रक्रिया और हिरासत
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी पांचों संदिग्धों को शनिवार को एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. फिलहाल सभी को हिरासत में रखा गया है. पुलिस और अभियोजन पक्ष ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन संदिग्धों को किन स्थानों से गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा यह भी नहीं बताया गया कि हमला कब किया जाना था, योजना कितनी विस्तृत थी, या किस क्रिसमस बाजार को निशाना बनाया जाना था.
बायर्न राज्य के गृह मंत्री योआखिम हेरमानन ने अखबार बिल्ड से बात करते हुए कहा कि "हमारी सुरक्षा सेवाओं के बीच बेहतरीन सहयोग” के कारण एक "संभावित इस्लामी मकसद से किए जाने वाले हमले” को रोका जा सका.
उनके इस बयान से यह संकेत मिलता है कि विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय ने समय रहते इस कथित साजिश का पता लगाने और उसे नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई.
पिछले हमलों के बाद डर
जर्मनी में क्रिसमस बाजारों पर हुए पिछले हमलों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बहस को और तेज कर दिया है. पिछले साल माग्देबुर्ग में हुए हमले में एक कार भीड़ भरे क्रिसमस बाजार में घुस गई थी. इस हमले में छह लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे.
इस मामले में एक सऊदी डॉक्टर पर मुकदमा चल रहा है. यह व्यक्ति इस्लाम का आलोचक बताया गया है लेकिन उस पर धुर दक्षिणपंथी विचारधाराओं और कट्टर साजिशाना सिद्धांतों से जुड़े होने का आरोप है. 51 वर्षीय मनोचिकित्सक तालिब जव्वाद अल अब्दुलमोहेन ने किराए की एक एसयूवी को बाजार में घुसाने की बात स्वीकार की है.
इससे पहले 2016 में भी बर्लिन में एक क्रिसमस बाजार में इस्लामी हमलावर ने ट्रक घुसा दिया था. उस हमले में 12 लोगों की मौत हुई थी. इन घटनाओं ने क्रिसमस बाजारों की सुरक्षा को लेकर पूरे देश में गहन बहस छेड़ दी है. जर्मनी के लगभग हर शहर में क्रिसमस बाजार लगाए जाते हैं, जहां दुकानदार उपहार, गरम मसालेदार वाइन, सॉसेज और मिठाइयां बेचते हैं.
इन हमलों और बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के कारण कई शहरों में क्रिसमस बाजारों की सुरक्षा लागत और जटिलता बढ़ गई है. कुछ शहरों ने इन कारणों से इस लोकप्रिय शीतकालीन परंपरा को रद्द करने का फैसला भी किया है.
माग्देबुर्ग का क्रिसमस बाजार इस साल लगाया गया है, लेकिन उसे खोलने की अनुमति बहुत देर से मिली थी. ताजा गिरफ्तारियों के बाद जर्मन अधिकारी एक बार फिर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि त्योहारों के मौसम में सुरक्षा को लेकर किसी भी खतरे को हल्के में नहीं लिया जा सकता.
हालांकि अधिकारियों ने अभी तक इस साजिश के बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि जांच जारी है और सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है.