विश्व प्रसिद्ध अंबाजी मेला कल से, स्वाइन फ्लू जागरूकता पर जोर

 गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर पर हर साल आयोजित होने वाला भादरवी पूनम मेला कल से शुरू हो रहा है;

Update: 2017-08-30 16:33 GMT

अंबाजी (गुजरात)।  गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर पर हर साल आयोजित होने वाला भादरवी पूनम मेला कल से शुरू हो रहा है और राज्य में स्वाइन फ्लू के कहर को देखते हुए इस दौरान एच1एन1 विषाणु जनित इस बीमारी के बारे में जागरूकता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस मेले में पिछले साल करीब 31 लाख दर्शनार्थी आये थे और इस बार भी करीब इतने ही लोगों के जुटने की उम्मीद है।

मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में शुमार इस मंदिर में हर साल गुजराती भादो माह की नवमी से लेकर पूनम तक (इस साल 31 अगस्त से 6 सितंबर तक) आयोजित होने वाले इस मेले के लिए पिछले दो साल से हो रही क्लाउड कम्प्यूटिंग आधारित दर्शनार्थियों की हाई टेक गिनती इस साल बंद कर दी गयी है और इसकी जगह मंदिर की ओर आने वाले तीन मुख्य मार्ग, खेडब्रम्हा रोड, दांता रोड और मानसरोवर रोड पर स्वयंसेवकों के जरिये सीधी गिनती (मैन्युअल काउंटिंग) की जायेगी। ऐसा हाई टेक गिनती में सटीकता संबंधी खामी के चलते किया गया है।

मंदिर ट्रस्ट के प्रशासक और डिप्टी कलेक्टर आर के पटेल ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि स्वाइन फ्लू की जागरूकता पर विशेष जोर दिया गया है। मेले के तीनो मार्ग तथा मंदिर के निकट स्वाइन फ्लू से बचाव में कारगर आयुर्वेदिक पेय (उकाला) के सात वितरण केंद्र बनाये गये हैं। मंदिर में दर्शन से पहले हाथ धोने और गलाला करने के तीन केंद्र बनाये गये हैं। स्वच्छता पर पूरा जोर दिया जा रहा है। मेडिकल कैंप में तथा बैनरों के जरिये स्वाइन फ्लू से संबंधित जानकारी दी जायेगी।

ज्ञातव्य है कि इस साल स्वाइन फ्लू का गुजरात में जबरदस्त प्रकाेप है ओर इसके चलते अब तक 330 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। श्री पटेल ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट और जिला प्रशासन स्वाइन फ्लू से बचाव में स्वच्छता के महत्व के बारे में भी मेले के दोरान मजबूत संदेश देना चाहता है। उधर मेले में जुटने वाली भारी भीड के मद्देजनर सुरक्षा के भी कडे इंतजाम किये जा रहे हैं और पूरे मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। ज्ञातव्य है कि अंबाजी, जहां केवल श्रीयंत्र की ही पूजा होती है और जो अपने स्वर्णजटित शिखर के लिए मशहूर है, अहमदाबाद के करीब 185 किमी तथा माउंट आबू से 45 किमी की दूरी पर स्थित है।

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