विश्व पर्यावरण दिवस: वन माफियाओं के चंगुल से मिले जंगल को आजादी
पर्यावरण संरक्षण में महती भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल में सोहेलवा ,कतर्निया ,कुआनो और टिकरी वन संरक्षित क्षेत्र शिकारियों और वन माफियाओं के चंगुल से निकलने को छटपटा रहा है;
बलरामपुर। पर्यावरण संरक्षण में महती भूमिका निभाने वाले उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल में सोहेलवा ,कतर्निया ,कुआनो और टिकरी वन संरक्षित क्षेत्र शिकारियों और वन माफियाओं के चंगुल से निकलने को छटपटा रहा है।
बलरामपुर जिले की नेपाल सीमा में करीब 452 वर्ग किलोमीटर तक फैले सोहेलवा वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में लिप्टिस ,शीशम ,सागौन ,इमली ,जामुन ,आम समेत अनेक प्रकार की बेशकीमती इमारती लकड़ियां और औषधीय पौधों की अपार वन संपदा मौजूद हैं। इसके
अलावा बाघ, तेंदुआ, चीता, हाथी, मृग के संग नाना प्रकार के वन्यजीव प्रवास करते हैं लेकिन अंदर ही अंदर नेपाल तक फैले होने के कारण शिकारी पर्यावरण के लिये बहुपयोगी जंगली जानवरों का चोरी छिपे शिकार कर नेपाल भाग जाते हैं। इसके अलावा लकड़ियों की अवैध कटान चरम पर है।
वन्यजीवों का शिकार और अवैध कटान रोकने के लिये जंगल मे तैनात वनरक्षकों के पास आधुनिक हथियार, अधिकांश वन चौकियों मे हवालात न होने से शिकारी वनरक्षकों पर भारी पड़ जाते हैं। पूर्व मे कई बार शिकारियों द्वारा हमले कर वनरक्षकों को घायल करके भागने की घटनायें सामने आ चुकी हैं।
वन माफियाओं ने सौहेलवा को खोखला करने के आये दिन अवैध कटान और शिकार कर वन्य जीवो के अंगो की तस्करी कर रहे हैं। शिकारी अौर बड़े कारोबारियों द्वारा लम्बा मुनाफा कमाकर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों मे वन्यजीव के अंगो की बिक्री करते हैं। अभी हाल ही मे बलरामपुर पुलिस ने अवैध कटान की गयी करीब पांच लाख कीमती लकड़ियां बरामद की हैं।
भीषण गर्मी मे पीने के लिये जल संरक्षित न होने के कारण जंगली जानवर भटककर आबादी की ओर आ जाते है और मनुष्यों का शिकार करते हैं। सोहेलवा वन के रामपुर ,जनकपुर ,बेलभरिया ,बनकटवा और वीरपुर रेंज काफी संवेदनशील और महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त जिले के करीब 24 पहाडी नालों और राप्ती नदी से अवैध खनन अनवरत संबन्धित विभाग और सुरक्षाकर्मियों की साठगांठ से जारी है। बहराइच जिले के कतनिया और गोण्डा के कुआनो एव टिकरी का भी कुछ ऐसा ही हाल है।
वन विभाग सूत्रों के अनुसार, वनकर्मियों की कमी, चौकियों और वनरक्षकों को आधुनिक संसाधनों से लैस करने और जल संरक्षण के सम्बन्ध मे शासन को अवगत करा दिया गया है। इसके अलावा अवैध कटान, वन्यजीवों का शिकार और अन्य अपराधों को प्रभावी ढंग से रोकने के लिये सुरक्षाटीम ,नागरिक पुलिस और एसएसबी के जवान सीमा क्षेत्रों में छापेमारी कर रहे हैं।