महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत

पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं ने रखा। आज निर्जला व्रत, पूजा के बाद  फलाहार की;

Update: 2017-08-25 15:20 GMT

खरोरा। पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं ने रखा। आज निर्जला व्रत, पूजा के बाद  फलाहार की। नगर सहित आसपास ग्रामीण अंचलों में अखंड सौभाग्य की कामना से सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज पर्व पर निर्जला उपवास रही द्य इस  व्रत को महिलाएं अपने मायके में जाकर पति की दीर्घायु व सुख की कामना के लिए रखती है।

यह व्रत संकल्प शक्ति का प्रतीक और अखंड सौभाग्य की कामना का भी प्रतीक्षा प्रतीक है  द्य हरितालिका  तीज हिंदू पंचांग  के अनुसार  भाद्र पक्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है।

कुंवारी लड़कियां भी मनचाहा पति प्राप्त करने के लिए इस व्रत को रखती है। हर भगवान भोलेनाथ का एक ही नाम है और पौराणिक कथानुसार इस  व्रत को सबसे पहले राजा  हिमवान  की पुत्री माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रुप में प्राप्त करने के लिए किया था और  उनके तप और आराधना से खुश होकर भगवान  शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रुप में स्वीकार किया।

शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए मां पार्वती ने इस व्रत को रखा था, इसीलिए इस पावन व्रत का नाम हरितालिका तीज  पड़ा है द्य  इस व्रत के लिए सौभाग्यवती  स्त्रियां नए वस्त्र पहनकर मेहंदी लगा कर सोलह सिंगार करती है और शुभ मुहूर्त में भगवान  शिव और मां पार्वती जी का पूजा करती है इस पूजा में शिव-पार्वती की मूर्ति का विधिवत पूजन किया जाता है और फिर हरितालिका तीज का की कथा को सुनी जाती है माता पार्वती पर सुहाग का सारा समान  चढ़ाया जाता है।  

ऐसी मान्यता है कि जो हरितालिका व्रत को विधिपूर्वक करता है उसके सौभाग्य की रक्षा स्वयं भगवान शिवशंकर करते हैं द्य पंडितों के अनुसार  नए वस्त्र पहनकर पूजन स्थल को सजाना चाहिए शिव पार्वती की पूजा के साथ रात्रि में जागरण करना चाहिए। इसके अलावा पर्व पर तीज साड़ी का भी  विशेष महत्व होता है। मायके पक्ष के लोग बेटी बहन को साड़ी और सुहाग कीसामग्री देते हैं।

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