91 हाथियों की मौजूदगी से उत्तर छत्तीसगढ में हड़कंप

उत्तर छत्तीसगढ के तीन फ़ॉरेस्ट डिवीज़न जशपुर बलरामपुर और सरगुजा के जंगलों में..91 हाथियों का दल चहलक़दमी कर रहा है;

Update: 2018-01-01 13:43 GMT

अंबिकापुर। उत्तर छत्तीसगढ के तीन फ़ॉरेस्ट डिवीज़न जशपुर बलरामपुर और सरगुजा के जंगलों में..91 हाथियों का दल चहलक़दमी कर रहा है..फ़ॉरेस्ट अमले ने दुर्घटना ना हो..इसके लिए गज चलायमान क्षेत्र में..रात और दिन के वक़्त..लोगो के पहुँच पर रोक लगा दी है..वहीं रात को सख़्त हिदायत है कि..वे किसी सूरत हाथियों के दल के आसपास ना जाएँ..
   सरगुजा के मुख्य वन संरक्षक बिसेन ने हृक्कत्र से कहा

'हाथी का प्राकृतिक रहवास क्षेत्र है..और वो संरक्षित तोमर पिंगला क्षेत्र की ओर आ रहे है..वे मूलत: शांत है..जब तक कि..उन्हे छेड़ा ना जाए..वन अमला लगातार इस प्रयास में रहता है कि..ग्रामीणों को सुरक्षित दूरी पर रखा जाए..
   हालाँकि इसके बावजुद घटनाएँ हो रही है..लेकिन इन घटनाओं में जनहानि तब ही हुई है जबकि..प्रभावित लोगो ने वन अमले की हिदायत नही मानी..

  दुप्पी और धंधापुर के बीच जहाँ पर कि..सर्वाधिक पचपन की कुल संख्या में हाथीयो के तीन दल अलग अलग विचरण कर रहे हैं..वहाँ देर शाम जंगल से होकर बाईक सवार ने जो पत्नी बच्चो के साथ था..उसने जाने की कोशिश की..उसे फ़ॉरेस्ट अमले ने रोका..तो वह दूसरे रास्ते से जाने की कोशिश किया..वहाँ भी वन अमले ने उसे रोका..लेकिन फिर भी वह जंगल रास्ते के ज़रिए ससुराल जाने के लिए बाईक से निकला..और सीधे हाथियों के दल के सामने आ खड़ा हुआ..नतीजतन मौक़े पर ही महिला और बच्चे की मौत हुई..जबकि बाईक सवार और उसका बड़ा पुत्र मुश्किलों से बचे..

  वन अमले ने उन इलाक़ों जहाँ पर कि गजदल मौजुद है..वहाँ प्रवेश ना करने की सख़्त हिदायत दी है..आप कह सकते है कि..अघोषित प्रतिबंध है..और ज़ाहिर है यह प्रतिबंध ही वह तरीक़ा है जिससे हाथी नही भड़केगा..और अंतत: शांति से तोमर पिंगला की ओर बढ़ जाएगा

Tags:    

Similar News