सरकार अदालत के ‘समान काम, समान वेतन‘ आदेश का पालन क्यों नहीं करती: एचएसईबी

न्यायालय के अादेश के कारण हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर लटकती तलवार के मद्देनजर हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन के प्रधान लेखराज चौधरी ने आज सवाल किया;

Update: 2018-06-05 17:03 GMT

फरीदाबाद।  न्यायालय के अादेश के कारण हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर लटकती तलवार के मद्देनजर हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन के प्रधान लेखराज चौधरी ने आज सवाल किया कि हर बात में न्यायालय के आदेश के पालन का हवाला देने वाली प्रदेश सरकार अदालत के ‘समान काम, समान वेतन‘ आदेश का पालन क्यों नहीं करती।

यूनियन ने आज हरियाणा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर यहां रोष प्रदर्शन किया। रोष प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए यूनियन नेताओं ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बताया कि यह विरोध प्रदर्शन रेगुलाइजेशन एम्प्लाइज पॉलिसी 2014 के निरस्त किये जाने को लेकर किया गया।

उन्होंने कहा कि कर्मचारी सरकार से यह मांग करते हैं कि वह उच्च न्यायालय के इस दुर्भाग्यपूर्ण फैसले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जाकर मजबूती से पैरवी करे ताकि हजारों कर्मचारियों के परिवारों के सामने पैदा हुए भरण-पोषण का संकट खत्म हो सके। उन्होंने बताया कि अदालत के इन आदेशों के चलते हजारों कच्चे से पक्के हुए कर्मचारी फिर से कच्चे हो जायेंगे । 

चौधरी ने आरोप लगाया कि यदि सरकार न्यायिक प्रकिया में अपना पक्ष मजबूती के साथ रखती तो आज इन कर्मचारियों को बेरोजगारी की कगार पर न आना पड़ता जिसके फलस्वरूप छह महीने में इन कर्मियों के स्थान पर नई भर्ती की जायेगी। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी फिलहाल विभागों में 10 से 12 साल से काम कर रहे थे, उनके परिवारों के सामने रोजगार का गम्भीर संकट पैदा हो गया है ।

उन्हें कार्य करते हुए इतना समय गुजर गया है कि अब यह कर्मी कोई अन्य काम भी नही कर सकते हैं । उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि जब सरकार को कोई काम नहीं करना होता है तो कोर्ट के आदेशों का हवाला देती है। यदि कोर्ट के आदेशों का इतना ही पालन किया जा रहा है तो फिर समान काम समान वेतनमान दाम के मसले पर क्यों नही अमल किया जा रहा।

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