निर्वाचन आयोग ने नोटा के लिये क्या किया: न्यायालय

नोटा के व्यापक प्रचार से बेहतर उम्मीदवार नहीं होने की दशा में भी मतदाता मतदान करने पहुंचेगा और नोटा विकल्प का उपयोग कर अपना मत दर्ज करा सकेगा;

Update: 2018-11-27 13:56 GMT

इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ की युगल पीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुये निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर पूछा है कि आयोग ने निर्वाचन के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में मौजूद नोटा (इनमें से कोई नहीं) के विकल्प के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये क्या कदम उठाये हैं।

प्रशासनिक न्यायमूर्ति एस सी शर्मा और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने सोमवार को इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका की आगामी सुनवाई विधानसभा चुनाव के बाद 30 नवंबर को तय की गई है। 

इंदौर निवासी एक याची यशवंत अग्निहोत्री ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर करते हुये सवाल उठाया कि निर्वाचन आयोग मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन के मद्देनजर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से तो व्यापक प्रचार कर रहा है, लेकिन नोटा जैसे महत्वपूर्ण विकल्प के प्रचार-प्रसार में उदासीन नजर आता है।

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