आरओ प्लांट्स के पानी की होगी जांच-विश्नोई

पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा है कि प्रदेश में आरओ प्लांट्स के जरिए निकलने वाले पानी की जांच कर पता लगाया जाएगा कि यह पानी खेती के लिए उपयोगी है या नहीं;

Update: 2019-07-12 15:48 GMT

जयपुर । राजस्थान के वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा है कि प्रदेश में आरओ प्लांट्स के जरिए निकलने वाले पानी की जांच कर पता लगाया जाएगा कि यह पानी खेती के लिए उपयोगी है या नहीं।

विश्नोई आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों के पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान केवल चितौड़गढ़ के आरओ प्लांट्स को बंद करने के जवाब में उन्होंने कहा कि चितौड़गढ़ के लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में गए और गत 23 अप्रैल को आये एनजीटी के फैसले की पालना में इन आरओ प्लांट्स को बंद किया गया। 

इससे पहले विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के मूल प्रश्न के जवाब में  विश्नोई ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल में उपलब्ध अभिलेखानुसार गली मौहल्लों में भू जल दोहन कर संचालित आर.ओ. प्लांट की सूचना भी सदन की मेज पर रखी। उन्होंने बताया कि किसी भी औद्योगिक ईकाई को भूमि दोहन की अनुमति अथवा अनापत्ति प्रमाण पत्र केन्द्रीय भू जल प्राधिकरण से प्राप्त करना आवश्यक है। 

उन्होंने कहा कि अवैध इकाइयों की स्थापना एवं संचालन की जानकारी प्राप्त होने पर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाती है।

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