अनंतनाग की लोकसभा सीट पर टुकड़ों में डाले जाएंगे वोट

देश में ऐसा पहली बार होगा कि किसी लोकसभा सीट के लिए मतदान एक ही चरण में नहीं बल्कि 3 चरणों में होगें;

Update: 2019-03-11 17:45 GMT

जम्मू। पिछले 21 सालों से जिस अनंतनाग संसदीय क्षेत्र को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अर्थात पीडीपी के दिवंगत संस्थापक मुफ्ती मुहम्मद सईद अपनी बपौती समझते रहे हैं उस पर इस बार एक नया प्रयोग होने जा रहा है।

देश में ऐसा पहली बार होगा कि किसी लोकसभा सीट के लिए मतदान एक ही चरण में नहीं बल्कि 3 चरणों में होगें। कारण पूरी तरह से स्पष्ट है। दरअसल आतंकवाद अभी भी इस संसदीय सीट के क्षेत्र में भारी साबित हो रहा है।

यूं तो जबसे आतंकवाद ने कश्मीर में पांव पसारे हैं दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग और पुलवामा जिलों ने नाक में दम कर रखा है।

और यही दोनों जिले मिलकर अनंतनाग के संसदीय क्षेत्र का निमाणर््ा करते हैं जहां से पिछली बार पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संसदीय चुनाव तो जीता पर मुख्यमंत्री बनने के बाद वह पुनः इस संसदीय क्षेत्र में चुनाव करवाने में असल ही रही।

कश्मीर में सबसे अधिक सुर्खियों में यही संसदीय क्षेत्र रहा है। अब तो पुलवामा में केरिपुब के जवानों पर हुए घातक हमले के बाद तो यह अभी भी इंटरनेशनल हेडलाइनों से नीचे ही नहीं उतरा है। ऐसे में इस संसदीय क्षेत्र में मतदान करवाना कोई खाला जी का घर नही है।

2014 के संसदीय चुनावों में इस संसदीय सीट पर मात्र 27 परसेंट मतदान हुआ था जो वर्ष 2009 के संसदीय चुनावों के रिकार्ड को नहीं तोड़ पाया थ। इतना जरूर था कि मतदान न करने का नया रिकार्ड जरूर बन गया था इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कई विधानसभ क्षेत्रों में।

महबूबा मुफ्ती ने 4 अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री पद संभाला तो उनकी दिली तमन्ना थी कि इस संसदीय क्षेत्र से परिवारवाद की बेल को बढ़ाया जाए और अपने भाई तस्सदुक मुफ्ती को इस संसदीय क्षेत्र से उन्होंने चुनाव मैदान में उतारा भी लेकिन आतंकवाद का भस्मासुर इतना तेज निकला की अधबीच में ही चुनाव आयोग को सुरक्षा कारणों से चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर देनी पड़ी।

2016 से लेकर अब तक इस संसदीय क्षेत्र में मतदान करवाने की किसी ने सोची भी नहीं क्योंकि आतंकवाद की ज्वाला सामने आ जाती थी। और अब हालांकि चुनाव आयोग ने डरते डरते इस संसदीय क्षेत्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पूरा करने की हिम्मत तो दिखाई हे लेकिन वह एक ऐसा नवीन प्रयोग करने जा रहा है जो देश में पहली बार होगा।

जम्मू कश्मीर के 6 संसदीय क्षेत्रों में से 5 में तो एक ही दिन और एक-एक चरण में मतदान घोषित किया गया है पर अनंतनाग-पुलवामा संसदीय क्षेत्र के लोग टुकड़ों में अर्थात 23 व 29 अप्रैल तथा 6 मई को मतदान करेंगें।

इसके लिए संसदीय क्षेत्र के हिस्सों को तीन भागों में बांटा जाएगा तथा सुरक्षा के इंतजाम भी तीन गुणा करने की खातिर अतिरिक्त फोर्स की मांग कर दी गई है।

यह बात अलग है कि राजनीतिक पंडितों को लगता नहीं है कि इस संसदीय क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्वक हो पाएगा तथा यह 2014 के संसदीय चुनावों का रिकार्ड भी छू सके क्योंकि पुलवामा जहन में घूम रहा है।

Full View

Tags:    

Similar News