सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका प्रोटोकॉल का उल्लंघन : खान

राज्यपाल ने सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सीएए के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाना प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।;

Update: 2020-01-16 19:13 GMT

तिरुवनंनतपुरम। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समर्थित राज्य की वाम मोर्चा सरकार के बीच तल्ख रिश्ते एक बार फिर उस समय उजागर हुए जब राज्यपाल ने सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका देने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन करना है।

राज्यपाल ने सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सीएए के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाना प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने से पहले सरकार को उनसे इजाजत लेने चाहिए थी।

श्री खान ने कहा,“उच्चतम न्यायालय जाना सरकार का अधिकार है और उस न्यायालय में सीएए के खिलाफ 60 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गयी है लेकिन कोई भी कानून से बड़ा नहीं है। संविधान के हिसाब से राज्य का मुखिया होने के नाते राज्य सरकार को अदालत जाने से पहले एक बार मुझे इसकी जानकारी देनी चाहिए थी। मुझे इसकी जानकारी नहीं दी गयी और मुझे इसके बारे में अखबार से पता चला।”

इससे पहले राज्यपाल ने सरकार द्वारा विधानसभा से सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने को असंवैधानिक करार दिया।

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