महिला मजदूर का शव गेट में रख ग्रामीणों ने किया हंगामा
चांपा नगर के कृष्णा इंडस्ट्रीज में काम करने वाली महिला मजदूर की 10 दिन पहले मौत के सदमा को गांव वाले भूल नहीं पाये है;
जांजगीर। चांपा नगर के कृष्णा इंडस्ट्रीज में काम करने वाली महिला मजदूर की 10 दिन पहले मौत के सदमा को गांव वाले भूल नहीं पाये है। वहीं एक और मजदूर की आज सिलिकोसिस से मौत हो जान पर गम के घाव को और ताजा हो गया है। फैक्ट्री में सिलिकोसिस से लगातार हो रही मौत से ग्रामीण बेहद आक्रोशित हो गए और मृतक के परिजन सहित मजदूर फैक्ट्री के सामने लाश रखकर हंगामा किया।
मामले की जानकारी पुलिस को मिलने पर समझाईश देने घटना पर पहुंचकर नाराज ग्रामीणों को काफी समझाइश दी। तब जाकर मामला शांत हुआ। पुलिस ने फिलहाल मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए बीडीएम अस्पताल चांपा भेजा है। चांपा थाना अंतर्गत ग्राम बहेराडीह में संचालित कृष्णा इंडस्ट्रीज में काम करने वालों की जिस तरह सिलिकोसिस से मौत हो रही है, उससे नरसंहार जैसी स्थिति निर्मित हो गई है।
इसके बावजूद शासन-प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। इसी फैक्ट्री में काम करने वाली गंगोत्री बाई की मौत बीते 30 नवंबर को हुई थी। महज 10 दिन फैक्ट्री में काम करने वाले 23 वर्षीय खीकराम पिता दिलहरण यादव की मौत सिलिकोसिस से हो गई। खीकराम चार सालों से कृष्णा इंडस्ट्रीज में काम कर रहा था। करीब एक सप्ताह पहले तबीयत बिगड़ने पर वह काम करने में अक्षम हो गया। उसका इलाज चांपा के मिशन अस्पताल में चल रहा था।
यहां के डॉक्टर ने आज उसे सिम्स रेफर कर दिया। परिजन उसे बिलासपुर ले जा पाते इससे पहले उसने दम तोड़ दिया। इधर, कृष्णा इंडस्ट्रीज में काम करने वालो के साथ सिलिकोसिस की वजह से बनी नरसंहार की स्थिति को देखते हुए ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने कृष्णा इंडस्ट्रीज के सामने एंबुलेंस में शव रखकर काफी हंगामा मचाया। मामले की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाइश दी। काफी समझाइश के बाद ग्रामीण माने। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए बीडीएम अस्पताल भिजवाया है।
जिम्मेदारों को सरोकार नहीं
कृष्णा इंडस्ट्रीज में सिलिकोसिस से मरने वाले की संख्या चार तक जा पहुंची है। इसके बावजूद कृष्णा इंडस्ट्रीज के प्रबंधन को किसी प्रकार का लेना देना नहीं है। शायद यही वजह है कि गंगोत्री बाई की मौत के बाद से स्थानीय स्तर के अफसरों ने फैक्ट्री की जांच कर कार्रवाई करना भी मुनासिब नहीं समझा।
जबकि पिछले साल हुई जांच में कृष्णा इंडस्ट्रीज में सिलिकोसिस की मात्रा लिमिट से अधिक पाया गया था। इसके बावजूद कृष्णा इंडस्ट्रीज को सिलिकोसिस फैलाकर नरसंहार करने की खुली छूट दे दी गई है।
काम करने वाले श्रमिकों का कोई रिकार्ड नहीं
कृष्णा इंडस्ट्रीज में काम करने वाले किसी भी श्रमिक का रिकार्ड नहीं है। यही वजह है कि यहां काम करने वाले मजदूरों की मौत के बाद प्रबंधन बड़ी चालाकी से पीछा छुड़ा लेता है। अब तक हुई मौत में प्रबंधन ने सबसे खुद को किनारा कर लिया है। खीकराम यादव के मामले में भी प्रबंधन ऐसा ही करेगा। लेकिन कृष्णा इंडस्ट्रीज के फैक्ट्री प्रबंधक ने खीकराम की मौत से पहले स्वीकार कर लिया है कि वे उसी के यहां का श्रमिक है। तबीयत खराब होने के कारण कुछ दिनों से वह नहीं आ रहा है।
जांच के बाद होगी कार्रवाई - एसडीओपी
इस संबंध में एसडीओपी चांपा उदयन बेहार का कहना है कि घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है। मृतक के पीएम रिपोर्ट मिलने के पश्चात जांच उपरांत कार्रवाई की जाएगी।