विक्रम कोठारी परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सात बैंकों के कसोर्टियम को करीब 3000 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में रोटोमैक कंपनी के प्रोमोटर विक्रम कोठारी एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।;
नयी दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सात बैंकों के कसोर्टियम को करीब 3000 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में रोटोमैक कंपनी के प्रोमोटर विक्रम कोठारी एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
जांच एजेंसी इस सिलसिले में कोठारी के तीन ठिकानों पर छापे मार रही है।सीबीआई सूत्रों ने आज यहां बताया कि जांच एजेंसी ने बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से की गयी शिकायत के आधार पर कल रात मेसर्स रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि., इसके निदेशकों -विक्रम कोठारी, उसकी पत्नी साधना और बेटे राहुल कोठारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
जांच एजेंसी उत्तर प्रदेश के कानपुर में तीन ठिकानों पर तड़के चार बजे से छापे मार रही है।सीबीआई कोठारी परिवार से पूछताछ भी कर रही है।सूत्रों के अनुसार, बैंक ऑफ बड़ौदा ने शिकायत की है कि साजिशकर्ताओं ने सात बैंकों के कंसोर्टियम को 2919 करोड़ रुपये (मूलधन) का चूना लगाया है और ब्याज समेत यह देनदारी कुल 3695 करोड़ रुपये की है।
इससे पहले मीडिया में प्रकाशित खबरों में रोटोमैक पेन कंपनी द्वारा 800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की बात सामने आयी थी।
इस कंसोर्टियम में बैंक ऑफ बड़ौदा के अलावा बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ऋण देने वाले बैंक कंसोर्टियम ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को जानबूझकर ऋणचूकता न करने वाला (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित किया था।
इस सूची से नाम हटवाने के लिए कंपनी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली थी।
मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने कंपनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सूची से बाहर करने का आदेश दिया था।
बाद में रिजर्व बैंक द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार एक प्राधिकृत समिति ने 27 फरवरी 2017 को पारित आदेश में कंपनी को जान-बूझकर ऋण न चुकाने वाला घोषित कर दिया।