अमेरिकी आयोग के बयान पर विहिप ने साधा निशाना

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग द्वारा गृहमंत्री अमित शाह पर प्रतिबंध लगाने के बयान पर, विश्व हिंदू परिषद(विहिप) ने अमेरिकी आयोग पर निशाना साधा;

Update: 2019-12-10 23:11 GMT

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संघीय अमेरिकी आयोग द्वारा गृहमंत्री अमित शाह पर प्रतिबंध लगाने के बयान पर, विश्व हिंदू परिषद(विहिप) ने अमेरिकी आयोग पर निशाना साधा। विहिप ने एक बयान में कहा कि ऐसी खबरों को मन बहलाने वाली हैं। विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के लोकसभा से पारित होने के बाद अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अमेरिकी आयोग ने कहा है कि संसद के दोनों सदनों से पास होने की स्थिति में अमेरिकी सरकार को चाहिए कि वह अमित शाह पर प्रतिबंध लगाए। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(आरएसएस) की अनुषांगिक शाखा विहिप ने कहा, "वाजपेयी के समय में परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाए गए थे। वे भारत को झुका नहीं सके और उन्हें इसे वापस लेना पड़ा।"

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने लोकसभा में विधेयक पारित होने पर गृहमंत्री अमित शाह को इस संबंध में सफलतापूर्वक मार्गदर्शन देने के लिए शुक्रिया अदा किया।

कुमार ने अपने बयान में कहा, "भारत के लोग पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित शरणार्थियों की नागरिकता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विहिप को उम्मीद है कि विधेयक को राज्यसभा में 'भारी समर्थन' मिलेगा।"

अमेरिका आयोग द्वारा शाह पर प्रतिबंध लगाने के बयान पर निशाना साधते हुए विहिप ने कहा, "लाखों लोग जो अमानवीय हालातों में रह रहे हैं, उनके लिए भारत के नागरिक के तौर पर एक सम्मानित जिंदगी सुनिश्चित किया जा रहा है, जो किसी भी तरह के खतरे से बाहर एक बेहतर जीवन स्तर होगा।"

नागरिकता(संशोधन) विधेयक, 2019 के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना कर यहां आए हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैनियों और बौद्धों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। विधेयक से मुस्लिमों को बाहर रखा गया है, जिसका विपक्ष 'असंवैधानिक' बताकर विरोध कर रहा है।

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