ओडिशा विधानसभा में उठा इंजीनियरों के अवकाश का मुद्दा

ओड़िशा में अपनी सेवाओं को नियमित किए जाने की मांग को लेकर 8500 डिप्लोमा धारी इंजीनियरों के अवकाश पर चले जाने के फैसला का मसला आज विधानसभा में उठा और इस पर काफी चिंता व्यक्त की गयी;

Update: 2018-09-11 17:39 GMT

भुवनेश्वर। ओड़िशा में अपनी सेवाओं को नियमित किए जाने की मांग को लेकर 8500 डिप्लोमा धारी इंजीनियरों के अवकाश पर चले जाने के फैसला का मसला आज विधानसभा में उठा और इस पर काफी चिंता व्यक्त की गयी।

बीजू जनता दल (बीजद) के महेश साहू ने शून्य काल में यह मसला उठाते हुए कहा कि शहरी विकास, पंचायती राज, जल संसाधन और अन्य विभागों में कार्यरत इन 8500 डिप्लोमाधारी इंजीनियरों ने 15 दिन पहले ही नोटिस दिया था कि अपनी सेवाओं को नियमित किए जाने की मांग को लेकर वे 18 सितंबर से सामूहिक अवकाश पर जाएंगे।

उन्हाेंने कहा कि इनकी सेवाओं को नियमित करने का फैसला मंत्रिमंडल ने छह माह पहले ही ले लिया था लेकिन इसे लागू नहीं किया गया है।

साहू ने कहा कि अगर ये इंजीनियर अवकाश पर चले जाते हैं तो राज्य में विभिन्न विकासात्मक योजनाएं और अन्य काम बुरी तरह प्रभावित होंगे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों के मंत्रियों को इस संबंध में वक्तव्य देने के लिए कहें ताकि इसका जल्द से जल्द हल निकाला जा सके।

साहू की इस बात का समर्थन कांग्रेस के तारा प्रसाद बाहिनीपति, भाजपा के प्रदीप पुराेहित, और बीजद के जीवन प्रदीप दास, समीर रंजन दास अौर रमेश चंद्रा चो पटनायक ने किया।

भाजपा विधायक दल के नेता के वी सिंह देव ने कहा कि मंत्रिमंडल के फैसले को लागू नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि नौकरशाही मौजूदा राज्य सरकार से अधिक ताकतवर है अौर उनके हाथों में मंत्रिमंडल मात्र कठपुतली है।

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