वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान में ’’राष्ट्रीय शिक्षा दिवस-2025’’ पर ’’शिक्षित भारत से ही विकसित भारत’’ विषय पर संगौष्ठी का शानदार आयोजन

आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान में स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी स्व0 मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती (राष्ट्रीय शिक्षा दिवस) पर वेंक्टेश्वरा संस्थान में ’’शिक्षित भारत तभी विकसित भारत’’ विषय पर एकदिवसीय संगौष्ठी का शानदार आयोजन किया गया;

Update: 2025-11-12 08:00 GMT

- आज भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी स्व0 मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती पर आयोजित संगौष्ठी में वक्ताओ एवं शिक्षाविदो ने देश की शिक्षा व्यवस्था में उनके द्वारा किये गये शानदार सुधारो के लिए उनके प्रयासो की सराहना करते हुए उनके योगदान को याद किया।

- शिक्षा सिर्फ पढ़ाई मात्र नहीं बल्कि लोगो के जीवन में रोशनी के साथ राष्ट्रोन्नति का सबसे बड़ा माध्यम- सुधीर गिरि, संस्थापक अध्यश वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान।

- मूल्यपरक शिक्षा ना केवल व्यक्तिगत विकास बल्कि राष्ट्रीय उन्नति एवं वैश्विक शान्ति का मूलभूत आधार- डाॅ0 राजीव त्यागी, प्रतिकुलाधिपति, वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान।

- शिक्षित भारत से ही विकसित भारत की परिकल्पना साकार होगी- डाॅ0 मधु चतुर्वेदी विख्यात साहित्यकार एवं शिक्षाविद्।

- शिक्षा में यदि संस्कार, मूल्य एवं राष्ट्रप्रेम नही तो उसका सम्पूर्ण उद्देश्य निरर्थक- डाॅ0 राहुल अवस्थी, विख्यात साहित्यकार, कवि एवं शिक्षाविद् बरेली।

मेरठ : आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान में स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी स्व0 मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती (राष्ट्रीय शिक्षा दिवस) पर वेंक्टेश्वरा संस्थान में ’’शिक्षित भारत तभी विकसित भारत’’ विषय पर एकदिवसीय संगौष्ठी का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभाग करते हुए देश के वरिष्ठ शिक्षाविदों ने अबुल कलाम आजाद के स्वतंत्र भारत में शिक्षा के क्षेत्र में किये गये शानदार कार्यो पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान को याद किया।

वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान के डाॅ0 सी0वी0 रमन कांफ्रेस हाॅल में मौलाना अबुल कलाम की जयन्ती ’’राष्ट्रीय शिक्षा दिवस-2025’’ पर ’’शिक्षित भारत तभी विकसित भारत’’ विषय पर आयोजित संगौष्ठी का शुभारम्भ प्रतिकुलाधिपति डाॅ0 राजीव त्यागी, कुलपति प्रो0 कृष्ण कान्त दवे, वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ0 मधु चतुर्वेदी, विख्यात शिक्षाविद्/ कवि/ साहित्यकार डाॅ0 राहुल अवस्थी चै0 कामेन्द्र सिंह प्रमुख, कुलसचिव प्रो0 पीयूष कुमार पाण्डेय आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया।

अपने सम्बोधन में प्रतिकुलाधिपति डाॅ0 राजीव त्यागी ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानो के लिए यह सबसे बड़ा पर्व है। विकसित भारत की परिकल्पना शिक्षित भारत के बिना अधूरी है। इसमें भी शिक्षा जब तक संस्कारयुक्त, मूल्यपरक एवं राष्ट्रप्रेम से ओत-प्रोत नहीं हागी, जब तक वह उद्देश्यहीन है।

एकदिवसीय संगौष्ठी को कुलपति प्रो0 कृष्ण कान्त दवे, कुलसचिव डाॅ0 पीयूष कुमार पाण्डेय आदि ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर डाॅ0 राजेश सिंह, डाॅ0 नीतू पंवार, डाॅ0 सुमन कश्यप, डाॅ0 स्नेहलता गोस्वामी, डाॅ0 ज्योति सिंह, डाॅ0 योगेश्वर शर्मा, डाॅ0 अंजलि भारद्वाज, डाॅ0 आशुतोष, डाॅ0 दर्पण कौशिक, डाॅ0 राजवर्द्धन सिंह, डाॅ0 मोहित शर्मा, डाॅ0 आरती गुप्ता, डाॅ0 ओमप्रकाश गोसाई, डाॅ0 अश्विन सक्सेना, मेरठ परिसर से निदेशक डाॅ0 प्रताप, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे।

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