राहुल गांधी ने 'वंदे मातरम' का अपमान किया : जगदंबिका पाल
‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में विशेष चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हुआ;
नोएडा। ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में सोमवार को विशेष चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन हुआ। इस दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सदन में मौजूद नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति को लेकर भाजपा ने जोरदार प्रहार किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वंदे मातरम’ के 150वें वर्ष पर बहुत ही सुंदर संबोधन दिया है। नेता प्रतिपक्ष होने के नाते राहुल गांधी का यह दायित्व था कि वे सदन में उपस्थित रहें और चर्चा में हिस्सा लें। लेकिन, वे जानबूझकर अनुपस्थित रहे।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह केवल ‘वंदे मातरम’ के प्रति अनादर ही नहीं, बल्कि संसदीय परंपराओं और लोकतंत्र का भी अपमान है। जब वंदे मातरम को लेकर चर्चा हो रही हो, नेता सदन संबोधन दे रहे हों तो मर्यादा होती है कि नेता प्रतिपक्ष सदन में मौजूद रहें। लेकिन, वे मौजूद नहीं थे।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वंदे मातरम, जिसने न सिर्फ ब्रिटिश शासन के खिलाफ आजादी की लड़ाई के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर तक लोगों को एकजुट किया, बल्कि अनगिनत बलिदानों को भी प्रेरित किया। जहां ब्रिटिश सरकार ने इसे गाने वालों को सजा दी, बच्चों और साधुओं को पीटा, वंदे मातरम आज भी भारत को प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि कई बार हम लोगों ने देखा है कि जब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सदन को संबोधित कर रहे होते हैं तो नेता सदन भी मौजूद रहते हैं। इसीलिए, जब वंदे मातरम पर चर्चा हो रही थी तो उन्हें भी मौजूद रहना चाहिए था। कांग्रेस के कार्यकाल में जब वंदे मातरम गीत को सौ साल पूरे हुए तो इसे लेकर चर्चा तक नहीं हुई थी। आज इस गीत को 150 साल पूरे हुए हैं तो पीएम मोदी के नेतृत्व में देशभर में इसे उत्सव के तौर पर मनाया जा रहा है। हमारे युवा इस गीत के महत्व को समझ पाए, प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि क्रांतिकारियों ने इस गीत को गाया और स्वतंत्रता हासिल की। अंग्रेजों ने बांटने की राजनीति की, लेकिन वंदे मातरम के तहत क्रांतिकारियों के बिगुल से अंग्रेजों का सिंहासन डोला, भारत को गुलामी से आजादी मिली।