उतराखंड : गृह मंत्रालय से मांगा आपदा क्षेत्र के लिए हेलीकॉप्टर, कुम्भ के लिए एन्टी ड्रोन टीम

उत्तराखंड में बर्फीले तूफान के कारण आई त्रासदी के बाद अब राज्य सरकार ने आपदा सम्भावित क्षेत्रों की निगरानी हेतु गृहमंत्रालय से एक हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है;

Update: 2021-02-22 23:25 GMT

नई दिल्ली। उत्तराखंड में बर्फीले तूफान के कारण आई त्रासदी के बाद अब राज्य सरकार ने आपदा सम्भावित क्षेत्रों की निगरानी हेतु गृहमंत्रालय से एक हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। इस अनुरोध के साथ उतराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। आपदा सम्भावित क्षेत्रों निगरानी के साथ साथ राज्य सरकार ने दुर्गम-अति दुर्गम और अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं की निरन्तर देखरेख एवं निगरानी हेतु यह हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। आपदा प्रबन्धन व सीमा प्रबन्धन के ²ष्टिगत गैरसैंण में 01 आईआरबी बटालियन स्थापना की स्वीकृति का भी अनुरोध किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि आगामी कुम्भ के दुष्टिगत, एन्टी ड्रोन तकनीक से संयोजित एक विशेष टीम की भी तैनाती की जाए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें विगत में जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा में राहत व बचाव कार्यो की जानकारी दी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, केंद्रीय एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन ने बेहतर समन्वय से कार्य किया है। आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने सर्च व रेस्क्यू के काम के साथ ही आपदा प्रभावित गांवों में बिना देरी के राहत पहुंचाने का काम भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाये जाने के लिए राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ का बजट उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने राज्य में समय-समय पर तैनात सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप देय धनराशि में 36.46 करोड़ की छूट तथा भविष्य के लिए पूर्वोत्तर राज्यों विशेष श्रेणी के राज्य की भांति 90 अनुपात 10 के अनुसार भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से चमोली के नीति घाटी तथा उत्तरकाशी के नेलांग घाटी को बेहतर सीमा प्रबन्धन हेतु इनर लाईन परमिट की व्यवस्था समाप्त किये जाने का आग्रह किया, ताकि इस क्षेत्र के गांवों में पर्यटन से आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो पाये।

केंद्रीय गृह मंत्री ने उक्त सभी बातों पर सैद्धांतिक सहमति देते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को हरसम्भव सहयोग दिया जाएगा।

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