ईरान मसले पर भारत के प्रति अमेरिकी रुख दुखद: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि ईरान पर कार्रवाई करने से पहले अमेरिका ने पिछले सप्ताह चीन तथा पाकिस्तान जैसे देशों से बात की लेकिन भारत से चर्चा करना उचित नहीं समझा ।;

Update: 2020-01-08 15:25 GMT

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि ईरान पर कार्रवाई करने से पहले अमेरिका ने पिछले सप्ताह चीन तथा पाकिस्तान जैसे देशों से बात की लेकिन भारत से चर्चा करना उचित नहीं समझा, यह दुखद है और इसकी वजह मोदी सरकार की लचर विदेश नीति है।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण के रूप में देखा जाता रहा है लेकिन मोदी सरकार में भारत की विदेश नीति कमजोर रही है और सिर्फ सुर्खियां बटोरने वाली रही हैं जिसके कारण दुनिया के लिए तेल के सबसे बड़े स्रोत ईरान पर कार्रवाई करने से पहले अमेरिका ने भारत से बात तक नहीं की।

उन्होंने कहा “कुछ समय से कई कारणों से अंतरराष्ट्रीय घटनाएं बढी है। दुख इस बात का है कि ईरान में जब अमेरिका ने कार्रवाई की तो उससे पहले चीन तथा पाकिस्तान से बात की लेकिन भारत से बात करना उचित नहीं समझा। सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट से काम नहीं चलता है। सिर्फ हेडलाइन्स लेने से बात नहीं बनती है। जब ऐसे मौके आते हैं तो परीक्षा की यही घड़ी होती है और हमने देख लिया है कि अमेरिका में हमें महत्व नहीं दिया।”

निर्भया कांड के दोषियों को फांसी की सजा मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा “निर्भया को सात साल बाद इंसाफ मिला, यह संतुष्टि है लेकिन दुख इस बात का है कि इसमें सात साल क्यों लगे। निर्भया के साथ हुए अतयाचार को देखते हुए जनभावना का सम्मान करते हुए उस समय की सरकार ने कानून सख्त बनाया। यहां तक कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए निर्भया कोष बनाया जिसमें हर साल एक हजार करोड़ रुपए जमा होते हैं लेकिन आज निर्भया कोष से सिर्फ दस प्रतिशत पैसा आया है और उसका सिर्फ पांच प्रतिशत ही खर्च हुआ।”

उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं बढी हैं लेकिन सरकार इन घटनाओं को लेकर गंभीर नहीं है। देश की महिलाओं का इस सरकार पर भरोसा नहीं है और इसकी वजह है कि भाजपा सरकार कठुआ या उत्तर प्रदेश में हर जगह बलात्कारियों का समर्थन कर रही है।

 

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