उप्र : जो किसान इजरायली पद्धति से सिंचाई करेंगे उन्हें सरकार देगी अनुदान
त्तर प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई यांत्रिक मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि प्रदेश में जो किसान इजरायल पद्धति से सिंचाई करेंगे, प्रदेश सरकार उन्हें 90 प्रतिशत तक अनुदान देगी;
मथुरा। उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई यांत्रिक मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि प्रदेश में जो किसान इजरायल पद्धति से सिंचाई करेंगे, प्रदेश सरकार उन्हें 90 प्रतिशत तक अनुदान देगी।
श्री सिंह ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि इजरायल में किसान माइक्रो इरीगेशन सिस्टम से सिंचाई करते हैं जिससे पानी कम लगता है लेकिन फसल अच्छी होती है।
उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सही तरीके से पानी का वितरण करने के लिए इसके लिए बनी कुलाबा समिति, रजवाहा समिति एवं अल्पिका समिति के लम्बे समय से चुनाव नही हुए हैं उन्हें अब गुप्त मतदान विधि से जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की देख रेख में कराया जाएगा। उनका कहना था कि इन समितियों के वोटर किसान ही होंगे। उन्होंने बताया कि इसके बाद किसान को रोस्टर के हिसाब से पानी मिलेगा।
श्री सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार नेपाल की नदियों से पानी लेकर सिंचाई का अंतर्राष्ट्रीय विकल्प बनाने को प्रयत्नशील है।
इसके अलावा बुंदेलखण्ड की पानी की समस्या के निराकरण के लिए केन बेतवालिंक योजना को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है।
यह योजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से चालू होगी तथा पिछले 40 साल से यह ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि प्रदेश बाढ और सूखे की चपेट में है।
पूर्वांचल बाढ़ की चपेट में है वहीं पश्चिम का कुछ भाग सूखे की चपेट मे है इसके बावजूद जब आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी से सूखे की स्थिति के बारे में रिपोर्ट मांगी गई तो अधिकारियों ने सूखे की आशंका नहीं जताई। सरकार ने इसके बाद कमिश्नर को आदेश दिया है कि वह दोबारा सही सर्वे कराकर रिपोर्ट भिजवाएं।
उन्होंने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिया है कि वे नहरों या रजबहों आदि में कुलाबा न लगना सुनिश्चित करें।