अवैध खदानों से बेरोकटोक रेत खनन और परिवहन
ऊर्जाधानी में कोयला और रेत की चोरी और तस्करी का काम धड़ल्ले से चल रहा है;
कोरबा। ऊर्जाधानी में कोयला और रेत की चोरी और तस्करी का काम धड़ल्ले से चल रहा है। पुलिस हो या खनिज विभाग, इन दोनों के दावों को कहीं न कहीं झुठलाने का काम इन अवैध कारोबारियोंं द्वारा किया जा रहा है। क्षेत्र के अघोषित रेत खदान से प्रतिदिन करीब 100 ट्रीप रेत जगह-जगह खपायी जा रही है। पश्मिांचल में कोयला चोरों के भी हौसले बुलंद हैं।
जानकारी के अनुसार सीतामणी से उरगा के मध्य भिलाई खुर्द, बरबसपुर और सीतामणी के तटीय इलाकों से बड़े पैमाने पर रेत का खनन व परिवहन जारी है। हालांकि सीतामणी की घोषित रेत खदान को फिल हाल बंद कर दिया गया है लेकिन दूसरे रास्ते से बड़े पैमाने पर रेत खनन जारी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक 1 दिन में इन तीनों स्थानों से लगभग 100 ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही है। अवैध खनन व परिवहनकर्ता राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं साथ ही तटीय इलाकों में भू-गर्भीय संतुलन के बिगड़ने का खतरा भी बड़ रहा है। इसी तरह गेरवाघाट, ढेंगुरनाला, पश्मिांचल में अहिरन नदी, गंगानगर बसाहट के निकट सहित अन्य नदियों की तटीय इलाकों से यह काम बदस्तूर चल रहा है।
कुछ ऐसा ही हाल कोयला चोरों का है। सुराकछार से लगे पंखादफाई का मैदान, जेठूदफाई और साईडिंग का किनारा कोयला चोरों का डंपिंग यार्ड बना हुआ है। सूत्र बताते हैं कि साईडिंग में तो रेलवे रैक से कोयला उतारा जाता है तो वहीं खदान से चोरी कर लाया गया कोयला इस यार्ड में डंपिंग हो रहा है। प्राय: हर रात 2 ट्रक और 2 स्वराज माजदा में भरकर कोयला पार किया जा रहा है। इसके अलावा आधा दर्जन पिकअप, छोटा हाथी भी इस काम में लगाए गए हैं। रेलवे साईडिंग सुराकछार, पंखादफाई से लोड चोरी का कोयला सर्वमंगला नहर मार्ग से होकर उरगा और वहां से चाम्पा की ओर भेजा जा रहा है। इसके अतिरिक्त दीपका, रेकी में पुराना गिरोह फिर सक्रिय हो गया है। एसईसीएल के उसके सुरक्षा तंत्र, पुलिस के गश्तीदल और खनिज अमले को धता बताकर चोरों व तस्करों का काम धड़ल्ले से चल रहा है।
चोरी का डीजल खपा रहा ट्रांसपोर्टर
पुष्ट खबर है कि गंगा नगर में रहने वाला एक ट्रांसपोर्टर जिसने अपने घर के पीछे अघोषित रेत घाट बना रखा है, उसके द्वारा 2 हाईवा, जेसीबी और लगभग 4 टै्रक्टर का उपयोग रेत का अवैध खनन व परिवहन भी किया जा रहा है। इन वाहनों को चलाने के लिए यह ट्रांसपोर्टर एसईसीएल के गेवरा खदान से डीजल चोरी करने वालों से डीजल खरीदता है। यह कहा जाए कि चोरी का डीजल बड़े पैमाने पर गंगा नगर में खपाया जा रहा है। रातों-रात यह अवैध रेत का कारोबारी क्षेत्र में संचालित फ्लाईऐश ब्रिक्स और सीमेंट मिक्सर प्लांट में बड़े पैमाने पर रेत की सप्लाई करता है। इसके लिए रायल्टी पर्ची कटघोरा से कटवायी जाती है। फैक्ट्री वालों के द्वारा इस कारोबारी को एक तरह से संरक्षण भी दिया गया है।
पार हो रहे शताधिक वाहन
नदी के इस पार और उस पार के इलाके जो रेत व कोयला तस्करों का कार्य क्षेत्र बने हुए हैं, से हर दिन सुबह से लेकर रात तक 100 से अधिक छोटे-बड़े वाहनों में रेत और कोयला की तस्करी हो रही है। काफी शोर मचने पर कुछ गतिविधियां दिखाना भी संबंधित विभाग की मजबूरी बन जाती है और यही मजबूरी कुछ वाहनों पर कार्रवाई का कारण बनती है। विभाग के द्वारा कई दिनों के अंतराल में 1-2 वाहन कोयला और 5-6 ट्रक रेत पकड़कर वाह-वाही लूटी जाती है। बाकी दिनों में तो कारोबार धड़ल्ले से चलता ही रहता है। अब चोरों और तस्करों को भी 2-4 गाड़ियों के पकड़े जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
होती है कार्रवाई: डीएमओ
जिला खनिज अधिकारी डॉ. डीके मिश्रा ने कहा है कि विभाग के मैदानी अमले के द्वारा रेत, कोयला व अन्य गौण खनिज का अवैध उत्खनन और परिवहन के मामलों में कार्यवाही की जाती है। बीच में खदानों से कोयले का अवैध परिवहन के मामले पकड़े गए। एक दिन पहले ही इंर्ट भ_ा संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। रेत के मामलों में भी जांच नाका पर कार्रवाई करते हैं। अब 1 दिन में ही सब पर कार्रवाई कैसे संभव होगी?