विवि परीक्षाओं का आयोजन छात्रों के स्वास्थ्य से खिलवाड़: रालोद
राष्ट्रीय लोकदल ने विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के स्नातक व परा स्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन यूजीसी के फैसले को उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लिहाज से अव्यवहारिक करार दिया है;
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के स्नातक व परा स्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन यूजीसी के फैसले को उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के लिहाज से अव्यवहारिक करार दिया है।
रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे ने रविवार को कहा कि यदि अन्तिम वर्ष के छात्रों की भी परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं तो बढ़ती हुई महामारी की दृष्टि से उनके स्वास्थ्य के लिए भी यह निर्णय खतरनाक सिद्ध हो सकता है। इस संबंध में देश के कई राज्यों ने परीक्षा कराने के यूजीसी के निर्णय को गलत बताते हुए परीक्षा कराने से मना कर दिया है।
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार जहाँ एक ओर सप्ताह में दो दिन के लाक डाउन की निरन्तरता का निर्णय कर रही है तो वहीं दूसरी ओर यदि परीक्षाओं का आयोजन होता है तो इससे कोरोना जैसी बीमारी को फैलने में मदद मिलेगी । सरकार को यह भी देखना चाहिए कि छात्र अपने अपने घरों को जा चुके हैं और कई महीने से कोरोना की भयावह स्थिति से चिन्तित होने के फलस्वरूप शैक्षिक वातावरण से दूर हैं। आवागमन के साधन भी सुचारु रूप से उपलब्ध नहीं है।
रालोद प्रवक्ता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से माँग करते हुए कहा कि भीषण महामारी को दृष्टिगत रखते हुए छात्र हित को ध्यान में रखकर निर्णय लें और विगत सेमेस्टरों के परीक्षाफल के आधार पर स्नातक व परा स्नातक के अंतिम वर्ष के छात्रों का परीक्षा फल जारी करने का निर्णय लेकर परीक्षाओं को निरस्त करने का आदेश जारी करें ।