विश्वविद्यालयों को बदलते समय के अनुरूप तैयार करना चाहिए पाठ्यक्रम : ओम बिरला

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विश्वविद्यालयों को बदलते समय की उभरती आवश्यकताओं के अनुरूप प्रगतिशील पाठ्यक्रम तैयार करने की नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास और समानता का वाहक है;

Update: 2023-07-15 22:59 GMT

नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विश्वविद्यालयों को बदलते समय की उभरती आवश्यकताओं के अनुरूप प्रगतिशील पाठ्यक्रम तैयार करने की नसीहत देते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास और समानता का वाहक है।

लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने शनिवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली परिसर में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की एक प्रतिमा का अनावरण करने के बाद छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने देश के संविधान के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया है।
समानता और न्याय के आदर्श, जो भारतीय लोकतंत्र को लगातार मजबूत करते हैं, बाबासाहेब के दिल के सबसे करीब थे और न केवल भारतीय शासन के संदर्भ में एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं, बल्कि दुनिया के कई संविधानों की आधारशिला भी हैं।

बिरला ने कहा कि आजादी की शुरुआत में हमारे संविधान निर्माताओं के सामने चुनौतियां बहुत बड़ी थीं। भारत न केवल आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा था बल्कि साक्षरता का स्तर भी बहुत कम था। यह मानते हुए कि शिक्षा और सामाजिक न्याय नवोदित लोकतंत्र की प्रगति के लिए सर्वोपरि हैं, बाबासाहेब ने लोगों के जीवन में उनके महत्व पर जोर दिया।

यह उल्लेख करते हुए कि बाबासाहेब का विचार था कि ज्ञान और शिक्षा सामाजिक और आर्थिक विकास के साधन हैं, बिरला ने उन चुनौतियों को याद किया जिनका सामना बाबासाहेब को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए करना पड़ा था।

समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने की वकालत करते हुए बिरला ने कहा कि इग्नू यह सुनिश्चित करने में सराहनीय सेवा कर रहा है कि शिक्षा समाज के सभी वर्गों के लिए समान रूप से उपलब्ध हो क्योंकि यह विश्वविद्यालय अब उच्च शिक्षा में नामांकन के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है, जिसने न केवल भारत में बल्कि पूरे देश में और दुनिया भर के 53 देश के 35 लाख से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की है।

उन्होंने कहा कि इग्नू ने उच्च शिक्षा के लोकतांत्रिकरण करने के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देश के वंचितों और महिलाओं को समान अवसर प्रदान कराया है। इस मौके पर बिरला ने इग्नू रिसर्च यूनिट का नाम सावित्रीबाई फुले रिसर्च यूनिट रखा और साथ ही उन्होंने इग्नू प्रॉस्पेक्टस का ब्रेल संस्करण भी जारी किया

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