संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी को लिखी चिट्ठी, एसकेएम समेत 6 मांगों की सौंपी सूची, आंदोलन रहेगा जारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है;
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है, वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को उन्हें छह मांगों को रेखांकित करते हुए एक खुला पत्र भेजा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज प्रधानमंत्री को खुला पत्र भेजा है।
➡️ विषय: राष्ट्र के नाम आपका संदेश और आपके नाम किसानों का संदेश
पत्र में लाभकारी एमएसपी की गारंटी के लिए केंद्रीय कानून सहित किसान आंदोलन की लंबित मांगों को उठाया गया है।#FarmLaws #FarmersProtest
पूरा पत्रः pic.twitter.com/ds2MU7okqn
चिट्ठी में कहा गया कि देश के करोड़ों किसानों ने 19 नवंबर 2021 की सुबह राष्ट्र के नाम आपका संदेश सुना। हमें खुशी है कि आपने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं, लेकिन ध्यान दिया कि यह “द्विपक्षीय समाधान के बजाय एकतरफा घोषणा” थी।
जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक मौजूदा कार्यक्रम के अनुसार विरोध जारी रहेगा।
किसानों ने सभी किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने के लिए एक कानून की मांग दोहराई है। इसके अलावा और भी कई मुद्दे थे जिन पर एसकेएम ने जल्द ही चर्चा के लिए बुलाया है।
प्रधानमंत्री जी, आप भली-भांति जानते हैं कि तीन काले कानूनों को रद्द करना इस आंदोलन की एकमात्र मांग नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के साथ वार्ता की शुरुआत से ही तीन और मांगे उठाई थी।
प्रधानमंत्री जी, आप भली-भांति जानते हैं कि तीन काले कानूनों को रद्द करना इस आंदोलन की एकमात्र मांग नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के साथ वार्ता की शुरुआत से ही तीन और मांगे उठाई थी।
- खेती की संपूर्ण लागत पर आधारित (C2+50%) न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी कृषि उपज के ऊपर, सभी किसानों का कानूनी हक बना दिया जाय, ताकि देश के हर किसान को अपनी पूरी फसल पर कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी हो सके। (स्वयं आपकी अध्यक्षता में बनी समिति ने 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री को यह सिफारिश दी थी और आपकी सरकार ने संसद में भी इसके बारे में घोषणा भी की थी)
- सरकार द्वारा प्रस्तावित "विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक, 2020/2021" का ड्राफ्ट वापस लिया जाए (वार्ता के दौरान सरकार ने वादा किया था कि इसे वापस लिया जाएगा, लेकिन फिर वादाखिलाफी करते हुए इसे संसद की कार्यसूची में शामिल किया गया था)
- "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021" में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाए जाए ( इस साल सरकार ने कुछ किसान विरोधी प्रावधान तो हटा दिए लेकिन सेक्शन 15 के माध्यम से फिर किसान को सजा की गुंजाइश बना दी गई है)
- दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को इस आंदोलन के दौरान (जून 2020 से अब तक) सैकड़ों मुकदमो में फंसाया गया है इन केसों को तत्काल वापस लिया जाए।
- लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी आज भी खुले घूम रहे हैं और आपके मंत्रिमंडल में मंत्री बने हुए हैं। वह आपके और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ मंच भी साझा कर रहे हैंI उन्हें बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए।
- इस आंदोलन के दौरान अब तक लगभग 700 किसान शहादत दे चुके हैं। उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था हो। शहीद किसानों स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंधू बॉर्डर पर जमीन दी जाय।