भाजपा नेता सुमित की पहल से परिजनों से मिल सका उमेश
कोरोना की चपेट अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी की तरह इंसानी जीवन मे आई है;
दंतेवाड़ा। कोरोना की चपेट अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी की तरह इंसानी जीवन मे आई है। कितनो के रोजगार छूट गये तो कितने अपनो से लॉक डाउन के बीच मिलने की उम्मीद में बिछड़ गये। इसी तरह कुछ कहानी बिहार मोतिहारी के उमेश यादव की है।
उमेश यादव घर से रोजी रोटी की तलाश में तेलंगाना राज्य में काम कर रहा था। मगर घर नही पहुँच पाया और रास्ता भटकते हुए बीजापुर के भोपालपटनम पहुँच गया। इसे दंतेवाड़ा भाजपा के युवा नेता सुमित भदौरिया ने मुलाकात कर बिहार राज्य में अपनी पार्टी स्तर पर संपर्क कर घर तक पहुँचवाने मे उमेश की मदद का अभियान चलाया। दरअसल लॉकडाउन के दौरान उमेश और उसका साथी बिहार अपने घर के लिए तेलंगाना से ही पैदल ही निकले थे मगर साथी तो बिहार पहुँच गया और उमेश पीछे छूट गया। जब घर तक उमेश नही पहुँचा तो परिजनों ने बहुत खोजबीन की, उसके बावजूद भी उमेश का पता नही लग सका तो परिजनों ने उमेश के साथी पर उमेश को गायब कराने का आरोप लगाते हुये पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी।
इधर अचानक सुमित भदौरिया से उमेश की मुलाकात के बाद सुमित ने उमेश की तस्वीर और वीडियो बनाकर बिहार राज्य के प्रदेश संगठन भाजपा कार्यकर्ताओं से संपर्क करना शुरू किया। बिहार के बीजेपी संगठन से जुड़े शशिकांत झा,चुनचुन से संर्पक साधा। साथ ही मोतिहारी जिलाध्यक्ष, फिर मंडल अध्यक्ष इस तरह कड़ी दर कड़ी उमेश की मदद सबने मिलकर शुरू की, जिसके बाद उमेश के परिजनों तक उमेश के सकुशल और सुरक्षित बीजापुर भोपालपटनम रहने की खबर परिजनों तक पहुँच गयी।
परिजन उमेश के सकुशल मिलने की खबर पाकर खुश हो गये। साथ ही उमेश का साथी, जिस पर परिजनों ने अपराध दर्ज करवा दिया था, वे भी मुक्त हो गये। सुमित भदौरिया की इस मुहीम ने एक व्यक्ति को उसके परिजनों से मिलवाने अहम भूमिका निभाई। सुमित ने कहा कि बीजेपी 13 करोड़ सदस्यों वाली दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। इसलिए उन्हें विश्वास था कि वो उमेश को परिजनों से जरूर मिलवा देंगे।