यूक्रेन संकट : यूक्रेन संकट पर UNHRC में इमरजेंसी डिबेट के पक्ष में 29 देश, भारत ने वोटिंग में नहीं लिया हिस्सा
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी जंग का आज छठा दिन है। राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए रूस की सेना वहां पर लगातार बमबारी कर रही है;
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी जंग का आज छठा दिन है। राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए रूस की सेना वहां पर लगातार बमबारी कर रही है। इसके साथ ही खारकीव में भी संघर्ष जारी है। इस बीच एक तरफ युद्ध जारी है तो दूसरी तरफ दोनों देशों के बीच बातचीत भी शुरू हो गई है।
Peaceful settlement of disputes has been India's consistent position; my govt firmly believes that there's no other choice but to return to the path of diplomacy: India's Permanent Rep to UN, TS Tirumurti, at 11th Emergency Special Session of UNGA on #Ukraine pic.twitter.com/TjLeLpr5nR
इन सबके बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस मसले पर फिर से बैठक बुलाई। यूएनएचआरसी काउंसिल ने यूक्रेन मसले पर तत्काल मीटिंग बुलाने का प्रस्ताव दिया था। इस मीटिंग के पक्ष में 29 ने वोट किया। वहीं 5 खिलाफ और 13 देश सदस्य तटस्थ रहे। इसमें भारत ने भी तटस्थ रहने का फैसला किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक आपात और विशेष सत्र में यूक्रेन के दूत ने कहा है कि रूसी हमले में अबतक 16 बच्चों समेत 352 नागरिकों की मौत हुई है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। रूस का हमला लगतार जारी है। उन्होंने कहा कि रूसी सैनिक भी हताहत हुए हैं, पहले ही हजारों जवान खो चुके हैं। यूक्रेन के खिलाफ इस हमले को रोकें। हम रूस से बिना शर्त अपनी सेना वापस लेने और अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्ण अनुपालन की मांग करते हैं। यूक्रेन का कहना है कि रूसी सेना रिहायशी इलाकों को निशाना बना रही है।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की हुई आपात बैठक में यूएन महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध हर हाल में बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता महत्वपूर्ण है, लेकिन यह कोई समाधान नहीं है. एकमात्र समाधान शांति के माध्यम से है। उन्होंने कहा कि मैंने यूक्रेन के राष्ट्रपति को आश्वासन दिया है कि संयुक्त राष्ट्र सहायता करना जारी रखेगा, उन्हें अकेला नहीं छोड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि हम एक ऐसे गंभीर क्षेत्रीय संकट का सामना कर रहे हैं, जिसके हम सभी पर संभावित विनाशकारी प्रभाव होंगे।