नये आप्रवासन आदेश पर डोनाल्ड ट्रंप ने किये हस्ताक्षर, साथ रहेंगे विस्थापित परिवार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के समक्ष झुकते हुए नये आप्रवासन आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये हैं;
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के समक्ष झुकते हुए नये आप्रवासन आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। नये आदेश के अनुसार अवैध रूप अमेरिका-मेक्सिको सीमा को पार करने वाले विस्थापित परिवारों को हिरासत में लिए जाने पर एक साथ ही रखा जाएगा।
"We have tremendous numbers of people that have waited for years and years and years to come in and they’ve gone through a process and it’s been a hard process, a long process and then you have people coming over our border all of a sudden they’re in our country." pic.twitter.com/dqc22REjEc
President Trump participates in a roundtable discussion on protecting American workers. pic.twitter.com/2KOFKGqGi9
Steven Nelson in the Washington Examiner: “Trump signs executive order allowing joint family detention”
More: https://t.co/IDrbXBlUDH pic.twitter.com/iu7iUmNQ79
इस आदेश के अनुसार अवैध रूप से सीमा पार करने वाले विस्थापितों पर पहले की तरह ही आपराधिक मुकदमा चलेगा।
यानी अमेरिका की अवैध आप्रवासन पर तथाकथित जीरो टालरेंस नीति पहले की तरह ही जारी रहेगी।
ट्रंप ने ओवल कार्यालय में नये आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा, “यह आदेश विस्थापित परिवारों को एक साथ रखने से संबंधित है लेकिन साथ ही हम अपनी सीमाओं के साथ कोई समझौता न करते हुए उनकी सुदृढ़ता सुनिश्चित करेंगे।”
अमेरिका की अाप्रवासन नीति के तहत अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अवैध रूप से विस्थापित हुए परिवारों के बच्चों को भी हिरासत में लेकर उनके माता-पिता से अलग से जेल में रखा जाता था। इन बच्चों के अमानवीय स्थिति के वीडियो और ऑडियो सामने आने के बाद अमेरिका को देश के भीतर और बाहर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा था।
व्हाइट हाउस सूत्र के अनुसार श्री ट्रंप ने परिवार अलगाव के इस मुद्दे की गंभीरता को समझा। साथ ही श्री ट्रंप की पत्नी मलेनिया ट्रंप ने भी उनसे इन बच्चों के लिए कुछ करने की अपील की थी।
अमेरिका के दोनों सदनों में रिपब्लिक का बहुमत होने के बावजूद श्री ट्रंप इस नीति की खामियों के लिए डेमाक्रेटिक पार्टी को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं लेकिन देश के भीतर और बाहर से होने वाले विरोध के चलते वह अमेरिका की इस नीति में परिवर्तन करने के समर्थन में आ गये हैं।