नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अब लोहे के पुल पर दौड़ेंगी ट्रेनें
रावघाट रेलवे परियोजना का कार्य पिछले कई वर्षों से जारी है;
रायपुर। रावघाट रेलवे परियोजना का कार्य पिछले कई वर्षों से जारी है। पिछले वर्ष दल्लीराजहरा से गुदुम तक चलने वाली रेल लाईन की शुरुआत रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने की थी।
अब इस काम को और आगे बढाया जा रहा है डौंडी से भानुप्रतापपुर तक रेल लाइन बिछाने का काम इस वर्ष के अंत तक पूरा किया जाना है। इसके बाद भानुप्रतापपुर से राजहरा तक लौह अयस्क की ढुलाई का रास्ता खुल जाएगा। रेलवे और ठेका कंपनी के अफसरों ने इसका सर्वे भी किया है।
राजहरा से करीब 76 किलोमीटर दूर मेढ़की नदी काफी चौड़ी है। राजहरा से करीब 80 किलोमीटर दूर ताडोकी से रावघाट के बीच सर्वे चल रहा है। इस घोर नक्सली इलाके में अब रेलवे 700 फीट लंबा बनेगा पुल बनाने जा रहा है। रावघाट तक रेल लाइन बिछाने के लिए मेढ़की नदी पर चौड़ा पुल तैयार किया जाना है । माओवादियों की खौफ की वजह से यहां काम शुरू होने में पहले ही दिक्कत आ रही थी।
अब इस बड़े पुल को बनाने में देरी न हो, इसको ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल ) के अधिकारियों ने बताया कि इस नदी पर कांक्रीट का पुल बनाने की जगह बीएसपी के स्टील का बनाया जाएगा। उम्मीद है कि सितंबर 2017 में मेढ़की नदी के पुल पर निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। कांक्रीट से इसका निर्माण करने पर समय अधिक लगता है। वहीं स्टील से निर्माण करने से काम जल्द पूरा हो जाएगा।
अधिकारियों का मानना है कि दोनों में खर्च करीब-करीब एक जैसा ही आता है। सेफ्टी के लिहाज से भी अधिकारी इसे अच्छा बता रहे हैं। अधिकारियों की सोच है कि जब इस रास्ते से आयरन ओर रावघाट से बीएसपी के लिए जाने लगेगा।
माओवादी उसको प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। अगर इस पुल को किसी तरह से नुकसान भी पहुंचाया जाता है, तो स्टील का होने पर जल्द तैयार हो जाएगा। इससे यह रास्ता अधिक समय तक बाधित नहीं रहेगा।
होगी आयरन ओर की ढुलाई -रावघाट के आयरन ओर को बीएसपी के लिए ढुलाई करने भानुप्रतापपुर स्टेशन के समीप स्टॉक हाऊस तैयार किया जाएगा।
रावघाट तक रेल लाइन पहुंचने में अभी और पांच वर्ष लग सकता है। इस बीच बीएसपी को लोह अयस्क की जरूरत होगी। जिसे पूरा करन के लिए विकल्प के तौर पर यह व्यवस्था की जा रही है। भानुप्रतापपुर स्टेशन को ही सेंटर बनाया जा रहा है, रावघाट में खुदाई के बाद ट्रक के माध्यम से भानुप्रतापपुर आयरन ओर लाया जाएगा।
इन स्थानों पर बनेंगे पुल- गुदुम से केंवटी के मध्य रेल लाइन पर 5 बड़े पुलों का निर्माण किया जाना है। जिसकी लंबाई 100 से 200 फीट के बीच है। यह पुल मरकाटोला, मुल्ला, खंडी नदी, साल्हेभाट, भानुप्रतापपुर और केंवटी के बीच बनेगा। इससे आयरन ओर की माइनिंग और उसकी ढुलाई का रास्ता आसान हो जाएगा। गुदुम से केंवटी के मध्य बिछाए गए रेलपांत पर 50 पुलिया का निर्माण किया गया है।
गुदुम से केंवटी तक 25 किलोमीटर के दायरे में यह पुलिया बने हैं। इतना ही राजहरा से गुदुम के बीच है। इसी तरह केंवटी से ताडोकी के बीच 150 पुल और पुलिया हैं जिसे कांक्रीट से तैयार किया जा रहा है। सर्वे के मुताबित जिस 200पुल-पुलिया पर निर्माण कार्य शुरू किया गया था, उसमें से 160कंस्ट्रक्शन साइट लगभग पूरा होने के करीब है 7इस पुल का निर्माण करते समय माओवादियों के सक्रिय होने की आशंका है।
इसको देखते हुए इस जगह के आसपास पर निगाह ड्रोन से रखी जाएगी। रात में भी ड्रोन इस इलाके में भेजा जाएगा। जिससे माओवादियों के मूवमेंट का फुटेज लिया जा सके। इस पुल के काम को पूरा कर लेने के बाद, रेलपांत बिछाने के कार्य में तेजी आना तय है। आरवीएनएल भी रावघाट प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन की मॉनिटरिंग के लिए ड्रोन कैमरे का सहारा लेगा।
आरवीएनएल अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि मेढ़की नदी पर स्टील के पुल का काम बारिश के बाद शुरू करने की योजना है। सितंबर से इसका काम शुरू हो जाएगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है।