मोदी सरकार में कुल 363 घोषणायें

मोदी सरकार ने पहले वर्ष 2014-15 में सबसे अधिक 139 घोषणायें की थी, दूसरे वर्ष में 52, तीसरे वर्ष में 51, चौथे वर्ष में 68 और पांचवें वर्ष में 42 घोषणायें कीं साथ ही तदर्थ आदेश के जरिये 11 घोषणायें की;

Update: 2018-12-02 15:32 GMT

नयी दिल्ली। मोदी सरकार ने कार्यभार संभालने के बाद अब तक देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने, सुगम कारोबारी माहौल बनाने, निवेश आकर्षित करने आदि के उद्देश्य से बजट के साथ ही आदेशों के माध्यम से कुल मिलाकर 363 घोषणायें की, जिनमें से 188 पूरी तरह क्रियान्वित की जा सकी हैं। 

नीतिगत बदलाव पर काम करने वाले गैर सरकारी संगठन पहल इंडिया फाउंडेशन द्वारा इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। इसमें कहा गया है कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले वर्ष 2014-15 में सबसे अधिक 139 घषणायें की थी। दूसरे वर्ष में 52, तीसरे वर्ष में 51, चौथे वर्ष में 68 और पांचवें वर्ष में 42 घोषणायें कीं। इसके साथ ही तदर्थ आदेश के जरिये 11 घोषणायें की गयी। इस तरह कुल मिलाकर 363 घोषणायें की गयी हैं। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार ने जो सुधार से जुड़ी घोषणायें की है उनमें से 219 बजट घोषणायें पहले वर्ष में ही लागू किये गये या क्रियान्वित किये जाने की प्रक्रिया शुरू की गयी। हालांकि अभी भी 26 प्रतिशत घोषणायें क्रियान्वित किये जाने की जरूरत है जबकि 93 घोषणाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।

इनमें से 21 घोषणायें चालू वित्त वर्ष की है। वर्ष 2014-15 से लेकर 2017-18 तक के बजटों में की गयी कुल घोषणाओं में से 22 फीसदी पर अभी भी अमल किये जाने की आवश्यकता है। चालू वित्त वर्ष की बजट घोषणाओं में से 13 पूरी तरह लागू की जा चुकी है। 

रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014-15 से लेकर 2017-18 के दौरान की गयी घोषणाओं का प्रदर्शन औसत रहा है जबकि चालू वित्त वर्ष में यह कुछ कम है क्योंकि यह वित्त वर्ष अभी जारी है। इसमें कहा गया है कि 188 घोषणायें पूरी तरह लागू की गयी हैं और उनमें से 80 फीसदी से अपने लक्ष्य को पूरा किया है।

43 घोषणायें क्रियान्वित की गयी लेकिन उनका प्रभाव नहीं दिखा है। 11 घोषणाओं के लिए कार्यकारी आदेश जारी किये जाने की जरूरत है।

जिन घोषणाओं के लिए कार्यकारी आदेश जारी किये जाने की आवश्यकता है उनमें से तीन वर्ष 2014-15 की , दो वर्ष 2015-16 और एक घोषणा वर्ष 2016-17 की है।

रिपोर्ट के अनुसार 16 घोषणायें बहुत कमजोर तरीके से क्रियान्वित की गयी है। आठ घोषणाओं में कई एजेंसियां शामिल है और उनके लिए कार्यकारी अादेश की जरूरत है। 

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