​​​​​​​गोधरा मामले में तोगडिया ने हाई कोर्ट के फैसले पर नाखुशी जतायी

 विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया ने गुजरात उच्च न्यायालय की ओर से बहुचर्चित गोधरा कांड में निचली अदलत की ओर से 11 दोषियों की फांसी सजा को आज उम्रकैद में बदले जाने पर अफसोस जाहिर किया;

Update: 2017-10-09 16:23 GMT

अहमदाबाद।  विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया ने गुजरात उच्च न्यायालय की ओर से बहुचर्चित गोधरा कांड में निचली अदलत की ओर से 11 दोषियों की फांसी सजा को आज उम्रकैद में बदले जाने पर अफसोस जाहिर करते हुए राज्य सरकार से इस के खिलाफ दीवाली से पहले उच्चतम न्यायालय में अपील करने की मांग की।

 तोगडिया ने आज जारी बयान में कहा कि गोधरा के हिन्दुओं के सामूहिक हत्यारों को फांसी क्यों नहीं। यह इस घटना में जान देने वाले लोगों के सामूहिक बलिदान का अपमान है।

गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर हिन्दुओं को न्याय दिलाये। ज्ञातव्य है कि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए एस दवे और न्यायमूर्ति जी आर उधवानी की खंडपीठ ने आज 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया पर मार्च 2011 में विशेष एसआईटी अदालत द्वारा 20 अन्य दोषियों को उम्रकैद और 63 आरोपियों को बरी किये जाने के फैसले को बरकरार रखा है।

अदालत ने राज्य सरकार और रेलवे को प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने के निर्देश दिये हैं। गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे एस 6 में गोधरा में आग लगा दी गयी थी। इसमें 59 लोगों की मौत हो गयी थी। इनमें से अधिकतर अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। इस घटना के बाद ही गुजरात मेें राज्यव्यापी दंगे भडक उठे थे। 

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