आज धनतेरस, बाजारों की चमक फीकी

आज धनतेरस है और दीपावली में केवल दो दिन का समय शेष रह गया है लेकिन बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है;

Update: 2017-10-17 01:27 GMT

भीड़भाड़ बढ़ी, बावजूद इसके 40 प्रतिशत कम बिक्री के अनुमान

नई दिल्ली। आज धनतेरस है और दीपावली में केवल दो दिन का समय शेष रह गया है लेकिन बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है। व्यापारियों, दुकानदारों की नजर में इस साल करीबन 40 फीसद बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है। मंगलवार को धनतेरस पर लोग सोना, चांदी के साथ साथ बर्तनों आदि की खरीद करते हैं और खुद सोना-चांदी के व्यापारियों के यहां से रौनक रूठी हुई है। न तो लंबे चौड़े छूट के ऑफर हैं और न ही ग्राहक। ग्राहकों का कहना है कि नगदी नहीं है।

व्यापारियों के संगठन कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया की चूंकि उपभोक्ताओं की जेब में नगद की तंगी है इस कारण से बाजारों में मंदी का माहौल है। उपभोक्ता अधिकांश बेहद जरूरी सामान ही खरीद रहे हैं और दिवाली त्योहार की खरीद से बच रहे हैं। लोगों ने बड़ी मात्रा में रियल इस्टेट और सोने में निवेश किया था और दोनों क्षेत्रों में मंदी के कारण से उनका पैसा ब्लॉक हो गया है और दूसरी तरफ व्यापारियों ने अपना पैसा स्टॉक में निवेश कर दिया जिसके कारण उनका पैसा भी ब्लॉक हो गया है। ई-कॉमर्स कम्पनियों द्वारा सरकार की नीतियों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़ी मात्रा में डिस्काउंट देकर सामान बेचने का भी विपरीत प्रभाव बाजारों के व्यापार पर पड़ा है।

चांदनी चौक के व्यापारियों ने माना कि जीएसटी से उपजे भ्रम ने बाजारों में अफरा तफऱी फैला रखी है, व्यापारी परेशान है। सदर के एक दुकानदार बताते हैं कि त्योहार से जुड़े अधिकांश सामान पर कर की दर 28 प्रतिशत होने के कारण उपभोक्ता इतनी ज़्यादा कर दर देना नहीं चाहते। बाजारों के माहौल को देखते हुए लगता ही नहीं की देश का इतना बड़ा त्योहार नजदीक है और यदि यही हाल रहा तो इस बार व्यापारियों को भारी नुकसान होगा। दुकानदार मानते हैं कि उपभोक्ता संबंधी, एफ एमसीजी प्रॉडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, किचन सामान, घडिय़ां, गिफ्ट आइटम, मिठाइयां, ड्राई फ्रूट, घर की साज सज्जा, बिजली फिटिंग, रेडीमेड गारमेंट, फ र्नीचर, फर्निशिंग फ़ैब्रिक आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो मंदी की सीधी मार झेल रहे हैं।

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